Sunday, 19 January 2025

जवानी तो कट जाती है मौज मस्ती गुरुर में, साथी आपका साथ दे तो भी कट जाती है, साथ नही तो भी कट जाती है, पर वास्तविक साथ वृद्धावस्था में चाहिए होता है, क्योंकि दोनों ही शरीर से निर्बल हो गए हैं, सहारे बिना चल नहीं सकते हैं, एक दूसरे का सहारा बन जाए, दोनों के पास समय अधिक होता है, आपस में ही बात कर कर समय गुजार सकते हैं, कुछ अपनी कह लीजिए, कुछ उनकी सुन लीजिए, जो वह चाहे आप बना दीजिए, मुस्कुराकर वे हंस दे, जिनका अच्छा बुढ़ापा होता है उन्हें मौत का खौफ सिर्फ इसलिए होता है, कि मेरे जाने के बाद मेरा साथी अकेला कैसे रहेगा, इस उम्र तक आते-आते बच्चे अपना परिवार बसा चुके होते हैं, अपने-अपने परिवार में व्यस्त हो जाते हैं, वह भी मजबूर समय नहीं उनके पास आपके लिए, तब अपने साथी की आवश्यकता बहुत अधिक लगती है, एक दूसरे की केयर कर लीजिए, दवाई वक्त पर याद दिला दीजिए, शाम के वक्त जरा टहल लीजिए, जल्दी सोना जल्दी उठना अपने हिसाब से खुद बनाकर खा लेना, अक्सर घर में बुजुर्ग लोग खटकते क्योंकि वह बहुत तीखा खाते नहीं है, बहुत तला भुना खाते नहीं है, इसीलिए जो पसंद है खुद बनाइए, एक जन सब्जी काट ले एक जन उसे बगार ले, कभी रोटी आपने बना ली कभी उन्होंने, परमात्मा ने आपको वृद्धावस्था में साथ दिया है तो आप बहुत अधिक भाग्यशाली हैं, जो वक्त आपको साथ बिताने के लिए मिला नहीं वह आज मिल रहा है, शुक्र करना तो बनता है, आपस में कोई वृत्तीय राज ना हो तो क्या बात हो, आजकल एकल परिवार का चलन हो गया है, पोते पोती भी दादा-दादी के साथ रहते नहीं है, आपस में ही बच्चे बन जाइए, खूब मौज मनाइए..!!#positivethoughts #oldagecare #oldage #beautifullife #artical #budhapa