Tuesday, 21 January 2025

पाने को कुछ नहीं,ले जाने को कुछ नहीं;उड़ जाएंगे एक दिन...तस्वीर से रंगों की तरह!हम वक्त की टहनी पर...बैठे हैं परिंदों की तरह !!