अक्सर हम अतीत की गलतियों, दर्द या अनुभवों को बार-बार याद करते रहते हैं। ऐसा लगता है मानो अगर हम उन्हें दोहराएँगे तो शायद कुछ बदल जाएगा। लेकिन सच्चाई यह है कि जितना हम बीते कल में अटके रहते हैं, उतना ही आज की रोशनी और आने वाले कल की संभावनाएँ धुंधली हो जाती हैं।🔑 सीख यह है:अतीत सिर्फ याद दिलाने के लिए है, जीने के लिए नहीं।नई कहानी लिखनी है तो पन्ना पलटना ही होगा।आज खुद से पूछें –क्या मैं अभी भी पुराने पन्नों में खोया हूँ? या मैं हिम्मत करके अपनी जिंदगी की नई किताब शुरू कर रहा हूँ?