यह चुप्पी मूर्खता या अज्ञानता की नहीं, बल्कि एक गहरी समझदारी और संवेदनशीलता की निशानी है।ये समझना कि शब्दों से हमेशा समाधान नहीं निकलता, कभी-कभी चुप रहना ही रिश्तों को, अपने दिल को, और हालात को बचा लेता है।कुछ दर्द, कुछ खुशियाँ, और कुछ प्रेम इतने गहरे और जटिल होते हैं कि शब्द उनका वजन उठा ही नहीं सकते। शब्द उन्हें सीमित और साधारण बना देते हैं। कभी-कभी, सब कुछ कह देने की सबसे शक्तिशाली विधि, कुछ न कहने में ही निहित होती है।यह चुप्पी एक ? नहीं, एक विराम चिह्न है—जो बोले गए और अनकहे के बीच का पूरा का पूरा विशाल इतिहास अपने में समेटे हुए है।💯💐