इंसान के अंदर जो समा जाये वो स्वाभिमान और जो इंसान के अन्दर से बाहर छलक जाए वो अभिमान।"हिंदी विचार की व्याख्या - यह विचार हमें स्वाभिमान और अभिमान का अंतर समझाता है। स्वाभिमानी व्यक्ति कभी भी अपने बारे में या अपने काम के बारे में बड़ा चढ़ा कर नहीं कहता। वहीँ अभिमानी व्यक्ति अपने बारे या अपने काम के बारे बहुत बड़ा चढ़ा कर कहता है। इसलिए यह कहा गया है कि स्वाभिमान इंसान के अंदर समा जाता है और अभिमान बाहर छलक जाता है।