Sunday, 10 May 2020

हर शब्द कम है तेरी तारीफ को, अ शब्द माँजो बचाता धरा पर जीवन को, माँ तो वो वरदान हैदुःखो से सुलगती रूह को माँ, लेप राहत का लगातीऔलाद की छोटी से छोटी चोट पर माँ, हजारों मोती बहातीमाँ की दुआ ले आती देवों को जमीन पर खींचकरऔलाद को सुखी देखने के लिये माँ हर दुःख को हंसते हंसते सह जातीहमारी आँखों के अंशु अपनी आँखों में समां लेती है माँअपने होठो की हंसी हम पर लुटा देती है माँ,हमारी खुशियों में सामिल होकर अपने गम भुला देती है माँ|जब भी कभी ठोकर लगे हमे याद आती है माँ,दुनिया की तपिश में हमे अंचल की शीतल छाया देती है माँ|खुद चाहे कितनी भी थकी हो हमे देख कर अपनी थकान भुला जाती है माँ,प्यार भरे हाथो से हमेशा हमारी थकान मिटा देती है माँ|बात जब भी हो लालिज खाने की तो हमे याद आती है माँ,रिस्तो को खूबसूरती से निभाहना सिखाती है माँ|लवजो मे जिसे बाया नहीं किया जा साके ऐसी होती है माँ,भगवान भी जिसकी ममता के आगे छुक जाये ऐसी होती है माँ| 🙏🌹हैप्पी मदर्स डे🌹🙏