Sunday, 10 May 2020

लबो पे उसके कभी बद्दुआ नही होतीएक माँ ही है जो कभी खफा नही होती इस तरहा मेरे गुनाहों कोवो धो देती है बहुत गुस्से मे हो जब तब वो रो देती है मैंने रोते हुए पोंछे थेअपने आंसू मुद्दतों माँ ने नही धोयादुपट्टा अपना अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ नही होगा मैं जब भी घर से निकलता हु उनकी दुआएं साथ चलती है जब भी कश्ती मेरी सैलाब मे आ जाती है माँ दुआयें करती है खवाब मे आ जाती है मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं" माँ " से इस क़दर लिपटु कि " बच्चा हो जाऊं " इस "MOTHER DAY " पर सबकी माँ के लिए ढेर सारा प्यार ।