तूफान, फिर तूफान, आंधी, ओले, बारिश, बर्फ, टिड्डीदल, भूकंप, और इन सबके साथ कोरोना तो चल ही रहा है। मानो प्रकृति कह रही हो, इंसान अब तो तू गया!! क्या आपको भी ऐसा ही लगता है?ये सब प्राकृतिक घटनाएं, कहीं-कहीं, कभी-कभी घटित हो रही है। पहले वाला तूफान बंगाल, उड़ीसा में आया था, अब महाराष्ट्र, गुजरात में आ रहा है। बर्फ हिमालय में गिरी थी, भूकंप दिल्ली में आया, और टिड्डीदल राजस्थान में। इसी तरह कोरोना के ज्यादातर मामले तो 6-7 शहरों से ही आए है। भारत बहुत बड़ा है। पर आज के कनेक्टेड वर्ल्ड में व्हाट्सएप और न्यूज चैनल्स के जरिये ये तमाम समस्याएं हम सबके घर तक पहुंच जाती है। और लगता है जैसे सारी की सारी समस्याएं सब जगहों पर है।अब एक गहरी सांस लेकर ये समझिये की आपके पांच किलोमीटर के दायरे में क्या क्या समस्याएं है? उससे सावधान रहिए, उस से निपटने के तैयारी कीजिए। और पांच किलोमीटर से ज्यादा दूर होने वाली समस्याओं के लिए, और जिन समस्याओं के लिए आप कुछ कर नहीं सकते, उनके लिए सब का भला हो ऐसी शुभकामनाएं दीजिए।आपको लगेगा उतनी मुश्किलें नहीं है जितना व्हाट्सएप और न्यूज चैनल्स देख कर किसी को लगता होगा!जय हिन्द