शादी शुदा स्त्री अक्सर कर बैठती हैं #इश्क़मांग में सिंदूर होने के बावजूदजुड़ जाती हैं किसी के अहसासों सेकह देती है उससे कुछ अनकही बातेंऐसा नहीं की वो बदचलन हैंया उसके चरित्र पर कोई दाग़ हैंतो फिर क्या हैं जो वो खोजती हैंसोचा कभी, स्त्री क्या सोचती हैंतन से वो हो जाती हैं शादीशुदापर मन कुंवारा ही रह जाता हैंकिसी ने मन को छुआ ही नहींकोई मन तक पहुंचा ही नहीबस वो रीती सी रह जाती हैंऔर जब कोई मिलता हैं उसके जैसाजो उसके मन को पढ़ने लगता हैंतो वो खुली किताब बन जाती हैंखोल देती है अपनी सारी गिरहेंऔर नतमस्तक हो जाती हैं सम्मुखस्त्री अपना सबकुछ न्योछावर कर देती हैंजहां वो बोल सके खुद की बोलीजी सके खुद के दो पलबता सकें बिना रोक टोक अपनी बातेंहंस सके एक बेख़ौफ़ सी हसींहां लोग इसे इश्क ही कहते हैपर स्त्री तो बस दूर करती हैंअपने मन का कुंवारापन❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️