एक औरत जब शादी के बाद अपने सारे फर्ज निभाती है ओर उसे फिर भी वो हक नही मिलते ओर हर बार उसे ताने दिये जाते हैं ना समय पर खाने को ना सेहत को ले कर किसी उसका ध्यान करना जिनके लिये वो नौकरों जैसे काम करे।ओर पती शराब का आदी है ओर लाख समझाने पर भी एक ना सुने दिन भर शराब में डुबा हो जिसे इस बात का ज्ञान ना हो घर में क्या माहोल हो रहा है ओर जरुरत क्या है घर में बस अपनी शराब में डुबा रहे किसी की कोई परवाह ना हो सिरफ शराब सुबह शाम रात में उस औरत को क्या कदम उठाना चाहिए। जो हर तरफ से मजबूर है मां बाप को बता ना सके इस डर से के दुख होगा उन्हें जब बेटी को इस हाल में देखेंगे जहां एक बाप की तीन बेटियां हो ओर जिसने बड़े नाजों से पाला है उसके साथ मायके में ये हालात हो जिस बाप की सिर्फ तीन बेटियां हो ओर बेटा ना हो उन बेटियों को ही बेटा समझा हो जिसने जो खुद अपनी सेहत से ठिक ना हो क्या करे वो बेटी।।औरत होना जुर्म नही है फिर भी सजा भुगत ती है कुछ एक बार औरत ही अपने हर फर्ज को निभा कर भी कुछ हिस्से नही आता।।बाताऐं क्या करना चाहिये उस औरत को।।❤️🥰❤️