अपनी गृहस्थी को कुछइस तरह बचा लिया करो कभी आँखें दिखा दी कभी सर झुका लिया करोआपसी नाराज़गी को लम्बा चलने ही न दिया करो वो न भी हंसें तो तुम मुस्करा दिया करोरूठ कर बैठे रहने सेघर भला कहाँ चलते हैंकभी उन्होंने गुदगुदा दियाकभी तुम मना लिया करोखाने पीने पे विवादकभी होने ही न दिया करोकभी गरम खा ली कभीबासी से काम चला लिया करोमियां हो या बीबीमहत्व में कोई भी कम नहींकभी खुद डॉन बन गएतो कभी उन्हें बॉस बना दिया करोअपनी गृहस्थी को कुछइस तरह बचा लिया करो..सभी युगलों को समर्पित💐