Saturday, 11 September 2021

ज़िन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास ना बैठा, आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे.....कोई तोहफा ना मिला आज तक,और आज फूल ही फूल दिये जा रहे थे.......तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये,और आज कंधे पे कंधे दिये जा रहे थे......दो कदम साथ चलने को तैयार न था कोई, और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे......आज पता चला कि मौत कितनी हसीन होती है, कमबख्त हम तो यूँ ही ज़िन्दगी जीये जा रहे थे.....!!