Tuesday, 28 September 2021

तू छोड़ दे कोशिशें इंसानो को पहचानने की, यहाँ ज़रूरतों के हिसाब से सब बदलते नक़ाब है, अपने गुनाहों पर सौ परदे डालकर हर शख्स कहता है, ज़माना बड़ा ख़राब है..