नदी जब निकलती है कोई नक्शा पास नहीं होता कि "सागर" कहां है ? बिना नक्शे के सागर तक पहुंच जाती है। ऐसा नहीं है कि नदी कुछ नहीं करती । उसको "सागर" तक पहुंचने के लिए लगातार "बहना" अर्थात "कर्म" करना पड़ता है। इसीलिए "कर्म" करते रहिये, नवशा तो भगवान पहले ही बना कर बैठे हैं , हमको तो सिर्फ "बहना" ही है |