Friday, 17 September 2021

तरक्की की फसल, हम भी काट लेते, थोडे से तलवे, अगर हम भी चाट लेते....बस मेरे लहजे में, "जी हुजूर" न था, इसके अलावा, मेरा कोई कसूर न था..अगर पल भर को भी, मैं बे-जमीर हो जाता, यकीन मानिए, मै कब का अमीर हो जाता.