Wednesday, 30 November 2022

नौ वर्ष के बेटे के हाथ में था #गुरूतेगबहादुरजी का कटा हुआ सिर ! दृश्य बताता है कि #औरंगज़ेब की मजहबी क्रुरता का प्रतिकार करते हुए हिंदू धर्म कैसे विकट स्थितियों में भी ज़िंदा रखा हिंददी चादर कहलाने वाले धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था इसीलिए उनके बारे में कहा जाता है कि सिर दिया पर सार न दिया #24नवंबर1675 की तारीख गवाह बनी थीहिन्दू के हिन्दू बने रहने की दोपहर का समय और जगह चाँदनीचौक दिल्ली लालकिले के सामने जब मुगलिया हुकूमत की क्रूरता देखने के लिए लोग इकट्ठे हुए पर बिल्कुल शांत बैठे थेलोगो का जमघट और सबकी सांसे अटकी हुई थीशर्त के मुताबिक अगर गुरु तेग बहादुरजी इस्लाम कबूल कर लेते हैं तो फिर सब हिन्दुओं को मुस्लिम बनना होगा बिना किसी जोर जबरदस्ती केऔरंगजेब के लिए भी ये इज्जत का सवाल थासमस्त हिन्दू समाज की भी सांसे अटकी हुई थी क्या होगा? लेकिन गुरुजी अडिग बैठे रहेकिसी का धर्म खतरे में था धर्म का अस्तित्व खतरे में था तो दूसरी तरफ एक धर्म का सब कुछ दांवपे लगा थाहाँ या ना पर सब कुछ निर्भर थाखुद चल के आया था औरगजेब,लालकिले से निकलकर सुनहरी मस्जिद के काजी के पासउसी मस्जिद से कुरान की आयत पढ़ कर यातना देने का फतवा निकलता था वो मस्जिद आज भी है गुरुद्वारा शीशगंज, चांदनी चौक,दिल्ली के पास पूरे इस्लाम के लिये प्रतिष्ठा का प्रश्न थाआखिरकार जब इस्लाम कबूलवाने की जिद्द पर इस्लाम ना कबूलने का हौसला अडिग रहा तो जल्लाद की तलवार चली और प्रकाश अपने स्त्रोत में लीन हो गयाये भारत के इतिहास का एक ऐसा मोड़ था जिसने पुरे हिंदुस्तान का भविष्य बदलने से रोक दियाहिंदुस्तान में हिन्दुओं के अस्तित्व में रहने का दिन सिर्फ एक हाँ होती तो यह देश हिन्दुस्तान नहीं होता गुरु तेगबहादुरजी जिन्होंने #हिन्द_की_चादर बनकर सनातन सभ्यता और जीवन दर्शन की रक्षा की उनका अदम्य साहस भारतवर्ष कभी नही भूल सकताकभी एकांत में बैठकर सोचिएगा अगर #गुरुतेगबहादुरजी अपना बलिदान न देते तो करोड़ों सालों के चिंतन से उत्पन्न आपकी ये सभ्यता कराह रही होती#24नवम्बर का यह इतिहास सभी को पता होना चाहिए इतिहास के वो पृष्ठ जो पढ़ाए नहीं गये #गुरूतेगबहादुरजी के बलिदानदिवस पर कोटि कोटि नमन सतनाम श्री वाहेगुरू बोलिये#दग्रेटसनातनी

जितना गहरा रिश्ता उतनी ज्यादा उम्मीद.. जितनी ज्यादा उम्मीद.. उतनी गहरी चोट..

कुछ चीजें अकड़ की वजह से नहीं, बल्कि आत्मसम्मान के लिए छोड़नी पड़ती हैं।

इंसान तब हार जाता है जब उसे ये पता चले, जिसे वो सबकुछ मानता था उसके लिए हम कुछ भी नहीं है

Friday, 25 November 2022

औरतें सिर्फ शक्ल और ज़िस्मसे ही खूबसूरत नहीं होतीं,बल्कि वो इसलिए भी खूबसूरत होती हैं,क्योंकि प्यार में ठुकराने के बाद भी,किसी मर्द पर तेज़ाब नहीं फेंकती ! उनकी वज़ह से कोई पुरुष दहेज़ में प्रताड़ित हो कर फांसी नहीं लगाता !वो इसलिए भी खूबरसूरत होती हैं,क्योंकि उनकी वजह से लड़कों को रास्ता नही बदलना पड़ता,वो राह चलते लड़को पर अभद्र टिप्पड़ियां नही करती!वो इसलिए भी खूबसूरत होती हैं,क्योंकि देर से घर आने वालेपति पर शक नही करती,बल्कि फ़िक्र करती है! वो छोटी छोटी बातों पर नाराज़ नही होती, सामान नही पटकती, हाथ नही उठाती,बल्कि पार्टनर को समझाने की,भरपूर कोशिश करती हैं !वो तकलीफ़ सह कर भी रिश्ते इसलिए निभा जाती हैं,क्योंकि वो अपने माँ बाप का दिल नही तोड़ना चाहती ! वो हालात से समझौता इसलिए भी कर जाती हैं, क्योंकि उन्हें अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की फ़िक्र होती है ! वो रिश्तों में जीना चाहती हैं ! रिश्ते निभाना चाहती हैं ! रिश्तों को अपनाना चाहती हैं!दिलों को जीतना चाहती हैं ! प्यार पाना चाहती हैं ! प्यार देना चाहती हैं !हमसफ़र, हमकदम बनाना चाहती हैं।इसलिए औरतेंसिर्फ शक्ल और ज़िस्मसे ही खूबसूरत नहीं होती ,वो एक सुंदर मन होती हैं,जिसे देखने के लिए चाहिएएक सुंदर नज़र । 🙏🙏Author: Unknown

MIDDLE CLASSकिसने लिखा है पता नहीं.....पर लिखने वाले ने बहुत ही गज़ब का लिखा है.....बहुत ही बारीकी से observations किये हैं.....एक एक बात सोलह आना सच लिखी है......👌 "मिडिल-क्लास" का होना भी किसी वरदान से कम नहीं है. कभी बोरियत नहीं होती. जिंदगी भर कुछ ना कुछ आफत लगी ही रहती है, न इन्हें तैमूर जैसा बचपन नसीब होता है न अनूप जलोटा जैसा बुढ़ापा, फिर भी अपने आप में उलझते हुए व्यस्त रहते हैं.★ मिडिल क्लास होने का भी अपना फायदा है. चाहे BMW का भाव बढ़े या AUDI का या फिर नया i phone लाँच हो जाये, कोई फर्क नहीं पड़ता.★ मिडिल क्लास लोगों की आधी जिंदगी तो ... झड़ते हुए बाल और बढ़ते हुए पेट को रोकने में ही चली जाती है. मिडिल क्लास लोगों की आधी ज़िन्दगी तो "बहुत महँगा है" बोलने में ही निकल जाती है. इनकी "भूख" भी ... होटल के रेट्स पर डिपेंड करती है. दरअसल महंगे होटलों की मेन्यू-बुक में मिडिल क्लास इंसान 'फूड-आइटम्स' नहीं बल्कि अपनी "औकात" ढूंढ रहा होता है.★ इनके जीवन में कोई वैलेंटाइन नहीं होता. "जिम्मेदारियाँ" जिंदगी भर परछाईं की तरह पीछे लगी रहती हैं. मध्यम वर्गीय दूल्हा-दुल्हन भी मंच पर ऐसे बैठे रहते हैं मानो जैसे किसी भारी सदमे में हों. अमीर शादी के बाद चलता बनते हैं , और मिडिल क्लास लोगों की शादी के बाद टेन्ट बर्तन वाले पीछे पड़ जाते हैं. मिडिल क्लास बंदे को पर्सनल बेड और रूम भी शादी के बाद ही अलाॅट हो पाता है. एक सच्चा मिडिल क्लास आदमी गीजर बंद करके तब तक नहाता रहता है जब तक कि नल से ठंडा पानी आना शुरू ना हो जाए. रूम ठंडा होते ही AC बंद करने वाला मिडिल क्लास आदमी चंदा देने के वक्त नास्तिक हो जाता है, और प्रसाद खाने के वक्त आस्तिक.★ दरअसल मिडिल-क्लास तो चौराहे पर लगी घण्टी के समान है, जिसे लूली-लगंड़ी, अंधी-बहरी, अल्पमत-पूर्णमत हर प्रकार की सरकार पूरा दम से बजाती है.★ मिडिल क्लास को आज तक बजट में वही मिला है, जो अक्सर हम 🔔 मंदिर में बजाते हैं. 🔔 फिर भी हिम्मत करके मिडिल क्लास आदमी पैसा बचाने की बहुत कोशिश करता है, लेकिन बचा कुछ भी नहीं पाता.★ हकीकत में मिडिल मैन की हालत पंगत के बीच बैठे हुए उस आदमी की तरह होती है जिसके पास पूड़ी-सब्जी चाहे इधर से आये, चाहे उधर से उस तक आते-आते खत्म हो जाती है.★ मिडिल क्लास के सपने भी लिमिटेड होते हैं. "टंकी भर गई है, मोटर बंद करना है" गैस पर दूध उबल गया है, चावल जल गया है, इसी टाईप के सपने आते हैं. दिल में अनगिनत सपने लिए बस चलता ही जाता है ... चलता ही जाता है. और चला जाता है।*ये मिडिल क्लास आदमी***🙂🙂🙂🙏🙏🌹💐🙏

सच्चे लोगों को शायद झूठ का पता ना हो... लेकिन झूठे लोगों को सच का पता हमेशा होता है..।

Monday, 21 November 2022

मन, कर्म और वचन से स्वच्छ रहो । दिखावे से लोगों को खुश किया जा सकता है ईश्वर तो नियत देखते हैं..।

जिंदगी में सबसे बड़ी गलती ये है, कि हमें लगता है की हमारे पास बहुत समय है

आप किसी का अच्छा करते रहो, करते रहो.. फिर होता यह है कि वह आपको बेवकूफ समझने लग जाता है..

*कड़वी सच्चाई*:---अक्सर पुरूष चकित रहते हैं कि प्रेमिका इतनी स्वीट और पत्नी इतनी खड़ूस क्यों होती है....? 😎तो सुनो- बारिश में प्रेमिका को उधार की बाईक और रूपया मांगकर भी लांग ड्राइव पर ले जाते हो ❓लेकिन पत्नी के आते ही अमीर हो जाने पर भी उससे बारिश होने पर चाय पकौड़ी बनवाना ही याद आता है..... 😎थकी- हारी पत्नी नहीं कह देती है तो तुम्हारे अहम को इतनी चोट लगती है कि सुबह तक मुंह फुलाए घूमते हो.......😎लेकिन प्रेमिका के आगे 365 दिन भी गिड़गिड़ाने पर कुछ़ हासिल नहीं हो तो भी संस्कार समझकर उस पर और प्यार लुटाते हो और मान- मुनव्वल शुरू कर देते हो😃प्रेमिका को पार्क, रैस्टोरेंट,रिसोर्ट...सुंदर से सुंदर और खर्चीली जगह ले जाते हो.....😎लेकिन पत्नी के आते ही उसे मुंडन,जनेऊ,विवाह,पूजा- पाठ,बीमार की सेवा,श्रद्धांजलि सभा में ... सारी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए ले जाते हो... 😎प्रेमिका को सर से पांव तक घूरते रहने में आंखें नहीं थकती और हर इंच और हर मौके के लिए शायराना अंदाज रहता है.....😃लेकिन पत्नी के लिए शिकायत - कितना देर लगाती हो तैयार होने में...... 😎प्रेमिका का फ़ोन चौबीस घ॔टे में चौबीस बार भी आए तो वो "प्यार" लगता है.......😃लेकिन पत्नी का दिन में दो बार फ़ोन इन्क्वायरी लगने लगता है.... 😎अपने भले अपने मां- बाप की सेवा नहीं किए होंगे लेकिन पत्नी से यही उम्मीद होती है कि वो चौबीस घंटे उसके पूरे परिवार के सेवा में गुजरे..., 😎कड़वा है पर सच है.!!🙏🙏🙏#beautifullife Hindisuvichar

Friday, 18 November 2022

#जिंदगी बेहोश-बेहोश चलती है। तुम नशे-नशे में चलते हो। तुम कहां जा रहे हो, यह बहुत साफ नहीं; क्यों जा रहे हो, यह भी बहुत साफ नहीं 🍥🍥🍥🍥🍥🍥🍥🍥🍥एक संध्या ऐसा हुआ कि मुल्ला नसरुद्दीन और उसके दो मित्र भागे ट्रेन पकड़ने को। नसरुद्दीन चूक गया; पैर फिसला, गिर गया। दो चढ़ गए। स्टेशन मास्टर ने आकर उसे उठाया और कहा कि नसरुद्दीन, दुख की बात है कि तुम चूक गए! नसरुद्दीन ने कहा, मेरे लिए दुखी मत हो। वे दो जो चढ़ गए हैं, मुझे पहुंचाने आए थे। मैं तो दूसरी ट्रेन भी पकड़ लूंगा; उनका क्या होगा?तीनों नशे में धुत्त थे। यहां बड़ी हैरानी की बात है, जो चढ़ गया है, जो सफल हो गया है, पक्का मत समझना कि वह कहीं पहुंच जाएगा। जो असफल हो गया, नहीं चढ़ पाया, पक्का मत समझना कि कुछ खो गया है। यहां चढ़ने वाला, न चढ़ने वाला, सफल-असफल, जीत गया, हारा हुआ--सब एक से बेहोश हैं। जिंदगी के आखिर में हिसाब बराबर हो जाता है। सफल-असफल सब बराबर हो जाते हैं। धनी-गरीब सब बराबर हो जाते हैं। मौत तुम्हें बिलकुल साफ कोरी स्लेट की भांति कर देती है। मृत्यु के क्षण में तुम पाओगे कि जिंदगी भर जो दौड़ तुमने की, भागे, पहुंच गए--वह नाव जाने वाली नहीं है; वह किनारे पर ही आ रही है। लेकिन तब बहुत देर हो जाएगी। तब कुछ करते न बनेगा।अभी समय है। अभी कुछ किया जा सकता है। और मौत के पहले जो जाग गया, उसकी फिर कोई मौत नहीं, और जो मौत तक सोया रहा, उसका कोई जीवन नहीं; उसका जीवन एक लंबा स्वप्न है, जो मृत्यु तोड़ देगी। जो जाग गया जीते जी, उसकी फिर कोई मृत्यु नहीं। क्योंकि जो जाग गया, उसने अपने भीतर के स्वभाव को देखा और अनुभव किया कि वह अमृत है।‌मित्रों, मृत्यु जीवन का शाश्वत् सत्य है...उसका समय भी अनिश्चित है...एक दिन जाना सभी को है...हमें भी व हमारे प्रियजनों को भी...उस अंतिम सत्य को मन मस्तिष्क में रखकर हमेशा श्रेष्ठ कर्म करने का प्रयास करें, दीन-दुखियों व अभावग्रस्त लोगों की सेवा करें।किसी का दिल न दुखायें, संवेदनशील बनें।

Sunday, 13 November 2022

सवाल करने वाले तो बहुत मिलते हैं, लेकिन बिना सवाल किये ख्याल रखने वाले नसीब से मिलते हैं..... कठिनाइयां जब आती हैं तो कष्ट देती हैं, पर जब जाती हैं तो आत्मबल का ऐसा उत्तम उपहार दे जाती है, जो उन कष्टों दुःखों की तुलना में हजारों गुना मूल्यवान होता है।

अपने से उपर वालों को देखो तो लगता है, कुछ भी नहीं है हमारे पास, अपने से नीचे वालों को देखो तो लगता है, बहुत कुछ है मेरे पास, ज़िन्दगी में जो मिला है उससे कभी न हो उदास क्योंकि भगवान ने हमारे लिए वही चुना है जो हमारे लिए है खास..

अपने से उपर वालों को देखो तो लगता है, कुछ भी नहीं है हमारे पास, अपने से नीचे वालों को देखो तो लगता है, बहुत कुछ है मेरे पास, ज़िन्दगी में जो मिला है उससे कभी न हो उदास क्योंकि भगवान ने हमारे लिए वही चुना है जो हमारे लिए है खास..

सवाल करने वाले तो बहुत मिलते हैं, लेकिन बिना सवाल किये ख्याल रखने वाले नसीब से मिलते हैं..... कठिनाइयां जब आती हैं तो कष्ट देती हैं, पर जब जाती हैं तो आत्मबल का ऐसा उत्तम उपहार दे जाती है, जो उन कष्टों दुःखों की तुलना में हजारों गुना मूल्यवान होता है।

Wednesday, 9 November 2022

“हर उस बेटे को समर्पित जो घर से दूर है चाहे वो होस्टल में हो या नोकरी के लिए दूर शहर में..”बेटे भी घर छोड़ जाते हैं...जो तकिये के बिना कहीं…भी सोने से कतराते थे…आकर कोई देखे तो वो…कहीं भी अब सो जाते हैं…खाने में सो नखरे वाले..अब कुछ भी खा लेते हैं…अपने रूम में किसी को…भी नहीं आने देने वाले…अब एक बिस्तर पर सबके…साथ एडजस्ट हो जाते हैं…बेटे भी घर छोड़ जाते हैं...घर को मिस करते हैं लेकिन…कहते हैं ‘बिल्कुल ठीक हूँ’…सौ-सौ ख्वाहिश रखने वाले…अब कहते हैं ‘कुछ नहीं चाहिए’…पैसे कमाने की जरूरत में…वो घर से अजनबी बन जाते हैंलड़के भी घर छोड़ जाते हैं।बना बनाया खाने वाले अब वो खाना खुद बनाते है,माँ-बहन-बीवी का बनाया अब वो कहाँ खा पाते है।कभी थके-हारे भूखे भी सो जाते हैं।लड़के भी घर छोड़ जाते है।मोहल्ले की गलियां, जाने-पहचाने रास्ते,जहाँ दौड़ा करते थे अपनों के वास्ते,,,माँ बाप यार दोस्त सब पीछे छूट जाते हैंतन्हाई में करके याद, लड़के भी आँसू बहाते हैलड़के भी घर छोड़ जाते हैंनई नवेली दुल्हन, जान से प्यारे बहिन- भाई,छोटे-छोटे बच्चे, चाचा-चाची, ताऊ-ताई ,सब छुड़ा देती है साहब, ये रोटी और कमाई।मत पूछो इनका दर्द वो कैसे छुपाते हैं,बेटियाँ ही नही साहब, बेटे घर छोड़ जाते हैं...💔💔मित्रो पोस्ट अच्छा लगे तो शेयर जरूर करे...💔💔

बदन है " मिट्टी " का और " साँसे " सारी उधार हैं, " गुरूर " भी है तो किस बात का..? हम सभी यहां किरायेदार हैं!!

Tuesday, 8 November 2022

“क्या फर्क पड़ता है, हमारे पास कितने लाख, कितने करोड़, कितने घर, कितनी गाड़िया है, खाना तो बस दो ही रोटी है! जीना तो बस एक ही जिंदगी है, फर्क इस बात से पड़ता है, कितने पल हमने ख़ुशी से बिताये, कितने लोग हमारी वजह से ख़ुशी से जीए...!

जिसकी सोच में आत्मविश्वास की महक है, जिसके इरादों में हौंसले की मिठास है..और जिसकी नीयत में सच्चाई का स्वाद है..उसकी पूरी जिन्दगीमहकता हुआ " गुलाब " है .।

आज की दुनिया में “झूठ” धीरे से बोलोगे तो भी सब सुन लेंगे, लेकिन “सच” चिल्लाने पर भी कोई नहीं सुनता..।

Thursday, 3 November 2022

"ईश्वर के हर फेसले पे खुश रहो"क्युकि "ईश्वर वो नही देता जो आपको अच्छा लगता है" बल्की"ईश्वर वो देता है जो आपके लिये अच्छा होता है।

😏I don't care what anyone says. Good people get tired of being good to ungrateful people!

किसी को दुखी देखकर अगर आपको तकलीफ होती है तो,यकीन मानिए ईश्वर ने आपको इंसान बनाकर कोई गलती नहीं की है..!! "

लफ़्ज़ों की बनावट का यहां हर शख़्स दीवाना है नादान सा जहन सादगी से बेगाना है तेरे मुंह पर तेरी मेरे मुंह पर मेरी इसी चतुराई का ज़माना है झूठ से रूबरू सच से अनजाना है स्वार्थपरता की भीड़ में भावनाओं का न ठिकाना है खोज कमियां दूसरों में ख़ुद को माहिर बताना है खोज कमियां दूसरों में ख़ुद को माहिर बताना है✍️✍️ 🌹Roop 🌹

श्री गुरु नानक देव जी कहते हैं..हजारों दान करें, हजारों तीर्थ करें, हजारों व्रत करें, किसी का दिल दुखाया तो कुछ नहीं होगा। #gurunanakdevji

ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ .. ਹਜ਼ਾਰਾਂ ਦਾਨ ਕਰ ਲਵੋ , ਹਜ਼ਾਰਾਂ ਤੀਰਥ ਕਰ ਲਵੋ , ਹਜ਼ਾਰਾਂ ਰੋਜ਼ੇ ਰੱਖ ਲਵੋ, ਕੁਝ ਨਹੀਂ ਬਣੇਗਾ, ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਕਿਸੇ ਦਾ ਦਿਲ ਦੁਖਾਇਆ ਹੈ।

वक़्त सब सिखा देताहै, लोगों के साथ जीना भी लोगों केबिना जीना भी ...

गांठ बांध लीजिए...*🪢 कन्याओं का विवाह 21 से 25 वे वर्ष तक, और लड़कों का विवाह 25 से 29वें वर्ष की आयु तक हर स्थिति में हो जाना चाहिए !**🪢 फ्लैट न लेकर जमीन खरीदो, और उस पर अपना घर बनाओ! वरना आपकी संतानों का भविष्य पिंजरे के पंछी की तरह हो जाएगा**🪢 नयी युवा पीढ़ी को कम से कम तीन संतानों को जन्म देने के लिए प्रेरित करें !**🪢 गांव से नाता जोड़ कर रखें ! और गांव की पैतृक सम्पत्ति, और वहां के लोगों से नाता, जोड़कर रखें !**🪢 अपनी संतानों को अपने धर्म की शिक्षा अवश्य दें, और उनके मानसिक व शारीरिक विकास पर अवश्य ध्यान दें !**🪢 किसी भी और आतंकवादी प्रवृत्ति के व्यक्ति से सामान लेने-देने, व्यवहार करने से यथासंभव बचें !**🪢 घर में बागवानी करने की आदत डालें,(और यदि पर्याप्त जगह है,तो देशी गाय पालें।* *🔖 होली, दीपावली,विजयादशमी, नवरात्रि, मकर संक्रांति, जन्माष्टमी, राम नवमी, आदि जितने भी त्यौहार आयें, उन्हें आफिस/कार्य से छुट्टी लेकर सपरिवार मनाये।* *🪢 !(हो सके तो पैदल, व परिवार के साथ )*🪢 *प्रात: काल 5-5:30 बजे उठ जाएं, और रात्रि को 10 बजे तक सोने का नियम बनाएं ! सोने से पहले आधा गिलास पानी अवश्य पिये (हार्ट अटैक की संभावना घटती है)**🪢 यदि आपकी कोई एक संतान पढ़ाई में असक्षम है, तो उसको कोई भी हुनर (Skill) वाला ज्ञान जरूर दें !**🪢 आपकी प्रत्येक संतान को कम से कम तीन फोन नंबर स्मरण होने चाहिए, और आपको भी!**🪢 जब भी परिवार व समाज के किसी कार्यक्रम में जाएं, तो अपनी संतानों को भी ले जाएं ! इससे उनका मानसिक विकास सशक्त होगा !**🪢 परिवार के साथ मिल बैठकर भोजन करने का प्रयास करें, और भोजन करते समय मोबाइल फोन और टीवी बंद कर लें !**🪢 अपनी संतानों को बालीवुड की कचरा फिल्मों से बचाएं, और प्रेरणादायक फिल्में दिखाएं !**🪢 जंक फूड और फास्ट फूड से बचें !**🪢 सांयकाल के समय कम से कम 10 मिनट भक्ति संगीत सुने, बजाएं !**🪢 दिखावे के चक्कर में पड़कर, व्यर्थ का खर्चा न करें !**🪢 दो किलोमीटर तक जाना हो, तो पैदल जाएं, या साईकिल का प्रयोग करें !**🪢 अपनी संतानों के मन में किसी भी प्रकार के नशे (गुटखा, तंबाखू, बीड़ी, सिगरेट, दारू...) के विरुद्ध चेतना उत्पन्न करें,तथा उसे विकसित करें !**🪢 सदैव सात्विक भोजन ग्रहण करें, अपने भोजन का ईश्वर को भोग लगा कर प्रसाद ग्रहण करें ! !**🪢 अपने आंगन में तुलसी का पौधा अवश्य लगायें, व नित्य प्रति दिन पूजा, दीपदान अवश्य करें !**🪢 अपने घर पर एक हथियार अवश्य रखें, ओर उसे चलाने का निरन्तर हवा में अकेले प्रयास करते रहें, ताकि विपत्ति के समय प्रयोग कर सकें ! जैसे-लाठी,हॉकी,गुप्ती, तलवार,भाला,त्रिशूल व बंदूक/पिस्तौल लाइसेंस के साथ !**🪢 घर में पुत्र का जन्म हो या कन्या का, खुशी बराबरी से मनाएँ ! दोनों जरूरी है ! अगर बेटियाँ नहीं होगी तो परिवार व समाज को आगे बढाने वाली बहुएँ कहाँ से आएगी और बेटे नहीं होंगे तो परिवार समाज व देश की रक्षा कौन करेगा !*

किसी भी समय, किसी भी परिस्थिति में, “आपके द्वारा लिया गया एक फ़ैसला” आपके जीवन के आधार को हमेशां के लिए बदल सकता है। इस वाक्य को आप, अपने अतीत (Past) में लिए हुए “हर फ़ैसले” से समझ सकते हैं। जय हिंद॥

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो,ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तोदोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो।

क़िस्मत अच्छी होती है उन लोगों की, जिनको बार-बार उनकी फँसी हुई situation से निकालने के लिए ओर लोग हाथ देते हैं।क़िस्मत सच में ख़राब होती नहीं है, पर लोग खुद ही हाथ ना पकड़ कर ख़राब कर देते हैं। (Taking Decisions at Right time is important) मौक़ा बार-बार मिलता है तो समझो ईश्वर की फिर से कृपा हुई है। ऐसा normal ज़िंदगी में नहीं होता।कुछ पुण्य किए होंगे माता-पिता ने, जिसका फल हमें मिलता है। लेकिन कब तक, आख़िर कब तक माता-पिता के पुण्य काम आएँगे। कभी तो बात अपने कर्मों पर भी आएगी, क्यूँकि माता-पिता के पुण्य हमेशां साथ नहीं रहेंगे। कर्म ही प्रधान है। वही पहले भी देखता है, आज भी देख रहा है और कल का हिसाब भी वही करेगा। याद रखना, हमेशां साथ सिर्फ़ आपका कर्म रहेगा। ना आपकी तकलीफ़, ना आपका आलस, ना आपका अहम॥सिर्फ़ कर्म !!जय हिंद॥