क़िस्मत अच्छी होती है उन लोगों की, जिनको बार-बार उनकी फँसी हुई situation से निकालने के लिए ओर लोग हाथ देते हैं।क़िस्मत सच में ख़राब होती नहीं है, पर लोग खुद ही हाथ ना पकड़ कर ख़राब कर देते हैं। (Taking Decisions at Right time is important) मौक़ा बार-बार मिलता है तो समझो ईश्वर की फिर से कृपा हुई है। ऐसा normal ज़िंदगी में नहीं होता।कुछ पुण्य किए होंगे माता-पिता ने, जिसका फल हमें मिलता है। लेकिन कब तक, आख़िर कब तक माता-पिता के पुण्य काम आएँगे। कभी तो बात अपने कर्मों पर भी आएगी, क्यूँकि माता-पिता के पुण्य हमेशां साथ नहीं रहेंगे। कर्म ही प्रधान है। वही पहले भी देखता है, आज भी देख रहा है और कल का हिसाब भी वही करेगा। याद रखना, हमेशां साथ सिर्फ़ आपका कर्म रहेगा। ना आपकी तकलीफ़, ना आपका आलस, ना आपका अहम॥सिर्फ़ कर्म !!जय हिंद॥