पवित्र कमाई। जब भोजन करने बैठो, तो प्रभुको प्रणाम करके उसका धन्यवाद अवश्य करो मैं आपका दिव्य प्रसाद ग्रहण कर रहा हूँ मुझे इस लायक बनाए रखना कि मैं अपनी कमाई खाऊं, पाप की कमाई घर में न लाऊं। उसमें बेगुनाहों का खून न हो, किसी के बच्चों का हक न हो, मेरी कमाई पवित्र हो, जिससे मैं पवित्र अन्न को दिव्य प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकूं.।