Wednesday 24 March 2021

*पूरी उम्र ससुराल में गुजारी मैंने**फिर भी मायके से कफ़न मंगाना**मुझे अच्छा नहीं लगता*। *💐"मुझे अच्छा नही लगता"*💐 *मैं रोज़ खाना पकाती हू,**तुम्हे बहुत प्यार से खिलाती हूं,**पर तुम्हारे जूठे बर्तन उठाना**मुझे अच्छा नही लगता।**कई वर्षो से हम तुम साथ रहते है, लाज़िम है कि कुछ मतभेद तो होगे,**पर तुम्हारा बच्चों के सामने चिल्लाना मुझे अच्छा नही लगता।**हम दोनों को ही जब किसी फंक्शन मे जाना हो,**तुम्हारा पहले कार मे बैठ कर यू हार्न बजाना**मुझे अच्छा नही लगता।**जब मै शाम को काम से थक कर घर वापस आती हूँ**तुम्हारा गीला तौलिया बिस्तर से उठाना**मुझे अच्छा नही लगता।**माना कि अब बच्चे हमारे* *कहने में नहीं है,**पर उनके बिगड़ने का सारा* *इल्ज़ाम मुझ पर लगाना**मुझे अच्छा नही लगता।**अभी पिछले वर्ष ही तो गई थी,**यह कह कर तुम्हारा,**मेरी राखी डाक से भिजवाना**मुझे अच्छा नही लगता।**पूरा वर्ष तुम्हारे साथ ही तो रहती हूँ,**पर तुम्हारा यह कहना कि,**ज़रा मायके से जल्दी लौट आना**मुझे अच्छा नही लगता।**तुम्हारी माँ के साथ तो**मैने इक उम्र गुजार दी,**मेरी माँ से दो बातें करते**तुम्हारा हिचकिचाना**मुझे अच्छा नहीं लगता।**यह घर तेरा भी है हमदम,**यह घर मेरा भी है हमदम,**पर घर के बाहर सिर्फ**तुम्हारा नाम लिखवाना**मुझे अच्छा नही लगता।**मै चुप हूँ कि मेरा मन उदास है,**पर मेरी खामोशी को तुम्हारा,**यू नज़र अंदाज कर जाना**मुझे अच्छा नही लगता।**पूरा जीवन तो मैने ससुराल में गुज़ारा है,**फिर मायके से मेरा कफन मंगवाना**मुझे अच्छा नहीं लगता