Friday, 30 April 2021
जब लाईलाज थे तब संभल गए.अब टीका है, फिर भी फ़िसल गए.कोई दोष नही है महामारी का.दिवाला निकला है समझदारी का.छूट क्या मिली बेपरवाह हो गए.हम खुद ही लापरवाह हो गए.न मास्क पहना न दो गज की दूरी,जिंदगी दांव पर लगा दी पूरी पूरी.अब बढ़े मरीज तो हड़बड़ा रहे हैं.गलती की है....फिर क्यों पछता रहे हैं....समय है अभी भी चेत जाइए .मास्क लगाइये . दो गज की दूरी बनाइए .भीड़ में न जाइए . खुद को बचाइए. समाज को बचाइए और देश को बचाइए
Thursday, 29 April 2021
Wednesday, 28 April 2021
Tuesday, 27 April 2021
Monday, 26 April 2021
🙏🏻💕🙏🏻💕हर हर महादेव जी🌹🙏🙏🏻💕🙏🏻8 साल का एक बच्चा 1 रूपये का सिक्का मुट्ठी में लेकर एक दुकान पर जाकर पूछने लगा,--क्या आपकी दुकान में ईश्वर मिलेंगे?दुकानदार ने यह बात सुनकर सिक्का नीचे फेंक दिया और बच्चे को निकाल दिया।बच्चा पास की दुकान में जाकर 1 रूपये का सिक्का लेकर चुपचाप खड़ा रहा!-- ए लड़के.. 1 रूपये में तुम क्या चाहते हो?-- मुझे ईश्वर चाहिए। आपकी दुकान में है?दूसरे दुकानदार ने भी भगा दिया।लेकिन, उस अबोध बालक ने हार नहीं मानी। एक दुकान से दूसरी दुकान, दूसरी से तीसरी, ऐसा करते करते कुल चालीस दुकानों के चक्कर काटने के बाद एक बूढ़े दुकानदार के पास पहुंचा। उस बूढ़े दुकानदार ने पूछा,-- तुम ईश्वर को क्यों खरीदना चाहते हो? क्या करोगे ईश्वर लेकर?पहली बार एक दुकानदार के मुंह से यह प्रश्न सुनकर बच्चे के चेहरे पर आशा की किरणें लहराईं ৷ लगता है इसी दुकान पर ही ईश्वर मिलेंगे ! बच्चे ने बड़े उत्साह से उत्तर दिया,----इस दुनिया में मां के अलावा मेरा और कोई नहीं है। मेरी मां दिनभर काम करके मेरे लिए खाना लाती है। मेरी मां अब अस्पताल में हैं। अगर मेरी मां मर गई तो मुझे कौन खिलाएगा ? डाक्टर ने कहा है कि अब सिर्फ ईश्वर ही तुम्हारी मां को बचा सकते हैं। क्या आपकी दुकान में ईश्वर मिलेंगे?-- हां, मिलेंगे...! कितने पैसे हैं तुम्हारे पास?-- सिर्फ एक रूपए।-- कोई दिक्कत नहीं है। एक रूपए में ही ईश्वर मिल सकते हैं।दुकानदार बच्चे के हाथ से एक रूपए लेकर उसने पाया कि एक रूपए में एक गिलास पानी के अलावा बेचने के लिए और कुछ भी नहीं है। इसलिए उस बच्चे को फिल्टर से एक गिलास पानी भरकर दिया और कहा, यह पानी पिलाने से ही तुम्हारी मां ठीक हो जाएगी।अगले दिन कुछ मेडिकल स्पेशलिस्ट उस अस्पताल में गए। बच्चे की मां का आप्रेशन हुआ और बहुत जल्दी ही वह स्वस्थ हो उठीं।डिस्चार्ज के कागज़ पर अस्पताल का बिल देखकर उस महिला के होश उड़ गए। डॉक्टर ने उन्हें आश्वासन देकर कहा, "टेंशन की कोई बात नहीं है। एक वृद्ध सज्जन ने आपके सारे बिल चुका दिए हैं। साथ में एक चिट्ठी भी दी है"। महिला चिट्ठी खोलकर पढ़ने लगी, उसमें लिखा था-"मुझे धन्यवाद देने की कोई आवश्यकता नहीं है। आपको तो स्वयं ईश्वर ने ही बचाया है ... मैं तो सिर्फ एक ज़रिया हूं। यदि आप धन्यवाद देना ही चाहती हैं तो अपने अबोध बच्चे को दीजिए जो सिर्फ एक रूपए लेकर नासमझों की तरह ईश्वर को ढूंढने निकल पड़ा। उसके मन में यह दृढ़ विश्वास था कि एकमात्र ईश्वर ही आपको बचा सकते है। विश्वास इसी को ही कहते हैं। ईश्वर को ढूंढने के लिए करोड़ों रुपए दान करने की ज़रूरत नहीं होती, यदि मन में अटूट विश्वास हो तो वे एक रूपए में भी मिल सकते हैं।",,,,,,,,,,,,🙏🏻💕हर हर महादेव जी🌹🙏
Sunday, 25 April 2021
हमें अहसास हो गया कि कुदरत के आगे हम पहले भी जीरो थे, आज भी जीरो है। कार है, पैसा है, दुकान है, फैक्ट्री है, सोना है, बहुत सारे नए कपड़े है, सब जीरो जैसे हो गए हैं। अपने ही घर मे डरे डरे घूम रहे हैं, पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई अपना प्रिय भी आ जाये,तो अच्छा नहीं लग रहा । कुदरत ने बता दी हमे हमारी औकात, सबका घमंड चूर चूर कर दिया बहुत लोग घमंड में कहते थे कि तुम हमें जानते नही हो.. अब ये कुदरत ने बता दिया है कि तुम लोग मुझे जानते नहीं हो । अभी ये जो ज़िन्दगी है, ये ही सत्य है आत्म मंथन करो, सत्य को स्वीकारो ईश्वर की लाठी के आगे हम सब जीरो है।
Saturday, 24 April 2021
Friday, 23 April 2021
Thursday, 22 April 2021
Wednesday, 21 April 2021
Tuesday, 20 April 2021
Sunday, 18 April 2021
Saturday, 17 April 2021
Friday, 16 April 2021
Thursday, 15 April 2021
Wednesday, 14 April 2021
Tuesday, 13 April 2021
Monday, 12 April 2021
Happy Baisakhi 😀💐 जब बजे ढोल, नाचे कृषक झूमी फसलें, उर में पुलक ! ‘नब बर्ष’ हुआ बंगाल में जब ‘पुत्तांडु’ तमिल मनायें सब केरल में है ‘पूरम विशु’ आसाम में ‘रंगाली बीहू’ ! गुरूद्वारों में रौनक छायी तब प्यारी बैसाखी आयी ! धूम मचाती भाती हर मन जन्म खालसा हुआ इसी दिन अमृत छका पंच प्यारों ने गुरुसाहब की याद दिलाने भंगड़ा गिद्दा होड़ लगाते घर बाहर रोशन हो जाते ! सब के मन पर मस्ती छायी तब प्यारी बैसाखी आयी !
Sunday, 11 April 2021
Saturday, 10 April 2021
Friday, 9 April 2021
Thursday, 8 April 2021
इस कविता को गीतकार तनवीर ग़ाज़ी ने लिखा है।तू खुद की खोज में निकलतू किस लिए हताश है,तू चल तेरे वजूद कीसमय को भी तलाश हैजो तुझ से लिपटी बेड़ियाँसमझ न इनको वस्त्र तू ये बेड़ियां पिघाल केबना ले इनको शस्त्र तूबना ले इनको शस्त्र तूतू खुद की खोज में निकलविज्ञापनतू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद कीसमय को भी तलाश हैसमय को भी तलाश हैचरित्र जब पवित्र हैतो क्यों है ये दशा तेरीये पापियों को हक़ नहींकि ले परीक्षा तेरीकि ले परीक्षा तेरीतू खुद की खोज में निकलतू किस लिए हताश है तू चल, तेरे वजूद कीसमय को भी तलाश हैजला के भस्म कर उसेजो क्रूरता का जाल हैतू आरती की लौ नहींतू क्रोध की मशाल हैतू क्रोध की मशाल हैतू खुद की खोज में निकलतू किस लिए हताश हैतू चल तेरे वजूद कीसमय को भी तलाश हैसमय को भी तलाश हैचूनर उड़ा के ध्वज बनागगन भी कंपकंपाएगा अगर तेरी चूनर गिरीतो एक भूकंप आएगातो एक भूकंप आएगातू खुद की खोज में निकलतू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद कीसमय को भी तलाश हैसमय को भी तलाश है
Wednesday, 7 April 2021
Tuesday, 6 April 2021
“निंदा कबहुँ न कीजिए”हमारे घर के अंदर अगर मकड़ी का जाला लग जाता है तो हम उसे झाडू से साफ करते हैं, वह जाला झाडू़ पर चिपक जाता है और हमारे घर की साफ सफाई हो जाती है, ठीक इसी तरह हम किसी की बुराई करते हैं या निंदा करते हैं तो समझो हम झाडू़ का काम कर रहे है, उसकी बुराई अपने सिर पर ले लेते हैं, जिस तरह झाडू़ पर जाला चिपकता उसी ही तरह सामने वाले के अवगुणो के पाप हमारे ऊपर चिपक जाते हैं, इसलिए सभी संतों ने कहा है किसी की बुराई मत करो ।
Monday, 5 April 2021
Sunday, 4 April 2021
Saturday, 3 April 2021
Friday, 2 April 2021
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