Tuesday, 6 April 2021

मौत का भी समय बदल गया । ना तुलसी, ना गंगाजल ना किसी के कंधे का सहारा ना कोई विश्राम, ना राम राम बस सीधा पैकिंग ओरश्मशान।कड़वा सचमाटी का संसार है, खेल सके तो खेल बाज़ी रब के हाथ है, पूरा विज्ञान फेल।