हमें अहसास हो गया कि कुदरत के आगे हम पहले भी जीरो थे, आज भी जीरो है। कार है, पैसा है, दुकान है, फैक्ट्री है, सोना है, बहुत सारे नए कपड़े है, सब जीरो जैसे हो गए हैं। अपने ही घर मे डरे डरे घूम रहे हैं, पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई अपना प्रिय भी आ जाये,तो अच्छा नहीं लग रहा । कुदरत ने बता दी हमे हमारी औकात, सबका घमंड चूर चूर कर दिया बहुत लोग घमंड में कहते थे कि तुम हमें जानते नही हो.. अब ये कुदरत ने बता दिया है कि तुम लोग मुझे जानते नहीं हो । अभी ये जो ज़िन्दगी है, ये ही सत्य है आत्म मंथन करो, सत्य को स्वीकारो ईश्वर की लाठी के आगे हम सब जीरो है।