Friday, 23 April 2021

बिना बोले बहुत कुछ सिखाती हैं, अपने भीतर ही ब्रह्मांड दिखाती हैं, जैसी चाहो वैसी देती हैं जानकारी, इसीलिए तो किताबें सच्ची मित्र कहलाती हैं!