Thursday 8 April 2021

पिता हैं तो छतरी है, जूते हैं पिता हैं तो दरख़्त है, हिमालय है । पिता हैं तो नींद है, सपने हैं । पिता हैं तो सुविधा है नास्तिक होने की । पिता के होते ईश्वर की प्रार्थना ज़रूरी नहीं।