Sunday, 15 August 2021

अहमियत-बीबी की.... ❤️सुबह उठ कर पत्नी को पुकारते है, सुनो चाय लाओ,थोड़ी देर बाद फिर आवाज़, सुनो नाश्ता बनाओ,क्या बात है, अभी तक अखबार नहीं आया....जरा देखो तो,किसी ने दरवाजा खटखटाया,अरे आज बाथरूम में साबुन नहीं....•और देखो तो,तौलिया कितना गीला पड़ा है....अरे ये शर्ट का बटन टूटा गया जरा लगा दो....और मेरे मौजे कहाँ है, जरा ढूंढ के ला दो....•लंच के डब्बे में आलू के परांठे बनाये है ना,दो ज्यादा रख देना....देखो अलमारी पर कितनीधुल जमी पड़ी है....लगता है कई दिनों से डस्टिंग नही की है....गमले में पौधे सूख रहे है, क्या पानी नहीं डालती हो,दिन भर करती क्या हो बस गप्पे मारती हो....•शाम को डोसा खाने का मूड है, बना देना....बच्चों की परीक्षाये आ रही है, पढ़ा देना....•सुबह से शाम तक कर फरमाईशें नचाते है हम, चैन से सोने भी नहीं देते हम....ये तब मालूम पड़ता है जब वो बीमार पड़ती है.....एक दिन में घर अस्त व्यस्त हो जाता हैरोज का सारा रूटीन ही ध्वस्त हो जाता हैआटे दाल का सब भाव पतापड़ जाता.....बीबी की अहमियत क्या है....🙌🏻😊ये पता चल जाता हैं....दिन की रोशनी ख्वाबों को बनाने मे गुजर गई, रात नींद को मनाने मे गुजर गई। जिस घर मे मेरे नाम की तखती भी नहीं, सारी उमर उस घर को सजाने मे गुजर गई।हरि ऊँ 🙏🙏☺