'दोस्त' दोस्त तुम मेरे दोस्त हमेशा ही रहना, सुख हो या दु:ख तुम साथ मेरे चलना।कभी ज़िंदगी में धूप भी आएगी, तुम उस धूप में छावं मेरी बनना।रिश्तों की डोर भले छोटी हो, पर मजबूत दोस्ती का रिश्ता दोनों तरफ से रखना ।तुम हमेशा मेरे सच्चे दोस्त रहना, मैं पास रहो या दूर ये भेद न करना ।दुनियां कहती हैं और कहेगी, पर तुम बिलकुल रंज न करना।दोस्ती हमारी पक्की है और पक्की रहेगी, दोस्ती सच्ची है इसमें शक न करना ।कहते हैं दुनिया में भगवान ने हर रिश्ता बना दिया, पर दोस्ती एक एेसा रिश्ता हैं, जिसे हमें भगवान ने हमें खुद बनाने के लिए छोड़ दिया ।दोस्ती में अवगुण ओर दुर्गुण नही देखे जाते, दोस्त तो वह है जो हर मुश्किल में आगे आते हैं ।दोस्ती न अमीरी ना गरीबी देखती हैं, दोस्ती में न उम्र और न ही कॉसट होती हैं ।दोस्ती हो सच्ची तो अपनी ही होती हैं, दोस्ती तो भगवान के लिए भी एक मिसाल होती हैं ।अजी.........जैसे कृष्ण ओर सुदामा.......... 🌹🌹 मानवी