Thursday, 2 September 2021

गिले-शिकवे सिर्फ़ साँस लेने तक ही चलते हैं। बाद में तो सिर्फ़ पछतावे रह जाते हैं।दोनों तरफ़ से निभाया जाये, वही रिश्ता कामयाब होता है साहिब। एक तरफ़ से सेंक कर तो रोटी भी नहीं बनती।