ॐ सूर्याय नमःजय सुर्यदेवकल दिनांक 14 जनवरी को मकर संक्रांति है। यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना का दिन है जब सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के साथ उसकी दक्षिण से उत्तर दिशा में गति का आरंभ होता है। हमारा भारत पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में है। साल के छह महीने दक्षिणायन अर्थात दक्षिणी गोलार्द्ध में होने के कारण सूर्य हमसे दूर होता है। तब यहां रातें बड़ी, दिन छोटे, प्रकाश कम और मौसम सर्द होता है। मकर संक्रान्ति के दिन छह महीनों के लिए सूर्य के पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश अर्थात उत्तरायण होने के साथ रातें छोटी, दिन बड़े, प्रकाश प्रखर और मौसम गर्म होने लगता हैं। दक्षिणायन को हमारे शास्त्रों में देवताओं की रात्रि अर्थात अशुभ और उत्तरायण को देवताओं का दिन यानी शुभ माना गया है। हमें अपने जीवनदायी सूर्य का हर रूप, हर गति, हर अंदाज प्यारा है। शुभ है। सूर्य की स्थित में एक और बदलाव के साथ मकर संक्रांति हमारी प्रकृति में एक और ऋतु परिवर्तन के आरंभ का उद्घोष है। ऋतुराज बसंत की आहटें महसूस करने का दिन। आज के दिन के लिए हम अपनी पवित्र नदियों का जल अर्पित कर सूर्य का आभार प्रकट करते हैं। रंग-बिरंगे पतंगों के साथ आकाश नापने की कोशिशें करते हैं। नए कृषि उत्पादों के भोग के साथ नए मौसम का स्वागत करते हैं। दही-चूड़ा-गुड़, लाई, तिलकुट,चिक्की और खिचड़ी। अपनी प्रकृति के हर रंग, हर परिवर्तन को उत्सव में बदल देना हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है।आप सबको मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं !2022 ,14 jan