Saturday, 8 January 2022

अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का,, सब को मंजिल का शौक है और मुझे सही रास्तों का ..ये दुनिया इसलिए बुरी नही के यहाँ बुरे लोग ज्यादा है। बल्कि इसलिए बुरी है कि यहाँ अच्छे लोग खामोश है..!