Tuesday, 31 May 2022
Monday, 30 May 2022
Sunday, 29 May 2022
Saturday, 28 May 2022
*🦚आओ पक्षियों से कुछ सीखें🦚*१. रात को कुछ नही खाते।🦜२. रात को घूमते नही।🦜३. अपने बच्चे को सही समय पर सिखाते हैं।🦜४. ठूस ठूस के कभी नही खाते। आप ने कितने भी दाने डाले हों, थोड़ा खा के उड़ जायेंगे। साथ कुछ नही ले जाते।🦜५. रात होते ही सो जायेंगे, सुबह जल्दी जाग जायेंगे, गाते चहकते उठेंगे।🦜६. अपना आहार कभी नहीं बदलते।🦜७. स्वयम्वर से जीवनसाथी चुनेंगे।🦜८. अपने शरीर से सतत् काम लेते हैं। रात के सिवा आराम नही।🦜९. बीमारी आई तो खाना छोड़ देंगे, तभी खायेंगे जब ठीक होंगे।🦜१०. अपने बच्चे को भरपूर प्यार देंगे।🦜११. परिश्रम करने से हृदय, किडनी, लिवर के रोग नहीं होते।🦜१२. प्रकृति से उतना ही लेते हैं जितनी जरूरत है।🦜१३. अपना घर पर्यावरण अनुकूल बनाते हैं।🦜बहुत ही शिक्षाप्रद ! हम भी इनसे कुछ सीखें तो जीवन सरल, सुंदर व सफल हो जाए🙏
Friday, 27 May 2022
Thursday, 26 May 2022
औलाद _____✍️ अपने पिता की मृत्यु के बादबेटे ने मां को वृद्ध आश्रम मेंछोड़ दिया और कभी कबारमिलने चले जाता था __एक बार वृद्ध आश्रम से फोनआया कि तुम्हारी माताजी कीतबीयत बहुत खराब है एकबार आकर मिल जाओ __पुत्र वृद्धाश्रम गया औरदिखा मां कि तबीयत बहुतखराब है _उसमें मां से पूछा मैं तुम्हारेलिए क्या कर सकता हूं ?मां ने जवाब दिया बेटा -यहां कोई पंखा नहीं है बहुतगर्मी रहती है एक पंखा लगवादो ! एक फ्रीज भी रखवा दो ताकिखाना खराब ना हो मुझे कईबार भूखे पेट ही सोना पड़ताहै __बेटे ने आश्चर्य से पूछा -मां जब तुम ठीक थी तो तुमनेकभी मुझसे इन चीजों कीआवश्यकता नहीं बताई आजबीमार होने पर क्यों बता रहीहो ?मां ने जवाब दिया -बात यह है बेटा मैंने तो भूखगर्मी एवं दर्द बर्दाश्त कर लिए ,लेकिन जब तुम बूढ़े होजाओगे और तुम्हारे बच्चे तुम्हेंयहां छोड़ जाएंगे तो तुम यहसब बर्दाश्त नहीं कर पाओगेयह चिंता मुझे खाई जा रहीहै !___✍️मां मां होती है दुख सहकर भीउसकी ममता कम नहीं होतीमां को हृदय से नमन🙏🙏🙏
Wednesday, 25 May 2022
Tuesday, 24 May 2022
दुखी रहने के दस कारण:-1. देरी से सोना, देरी से उठना।2. लेन-देन का हिसाब ना रखना।3. किसी के लिए कुछ ना करना।4. स्वयं की बात को ही सत्य बताना।5. किसी का विश्वास ना करना।6. बिना कारण झूठ बोलना।7. कोई भी काम समय पर ना करना।8. बिना माँगे सलाह देना।9. बीते हुए सुख को बार-बार याद करना।10. हमेशा अपने लिए सोचना।शुभ रात्री। जय जिनेंद्र।सुखी रहने के उपाय:-अतीत की चिंता न करें…भविष्य पर विश्वास न करें…वर्तमान को व्यर्थ न जाने दें।शुभ रात्री
Monday, 23 May 2022
Friday, 20 May 2022
Wednesday, 18 May 2022
Tuesday, 17 May 2022
Sunday, 15 May 2022
ये सत्य है कि सासु मां की जगह मां नहीं ले सकती। (कुछ को छोड़कर) विश्वास ना हो तो आजमा कर देख लो। मां बेटी को विदा करते समय भी कटोती कर देती है, पर सासु मां अपना भी सब कुछ सोंप देती है। बहु के आने से पहले कमरा with attached letbath🥰 तैयार करवा देती है। विचार करना कभी माएं करवाती है? जो कपड़े शादी से पहले ना पहनें हो , वो आज की बहुएं सासु मां के आंगन में पहनती हैं।जिन सुंदर जगहों के बारे में केवल सुना हो, ससुराल में आते ही सासु मां ही program बना देती है। रसोई में घर में क्या है क्या नहीं है उसकी list बना ससुरजी के हाथों में थमा देती है । पर क्या कभी किसी मां ने बेटी के लिए पिता को list थमाई है?जब घर आंगन में पोते पोती आए तो सासु मां ने लाड ही नहीं लड़ाए बल्कि भविष्य की भी सोच डालीं। और मां ने सिर्फ जामना और भातमायरे की ही सोची। और आजकल तो वो भी....... और जब सासु मां का शरीर जवाब दें गया। तो घर ही सौंप दिया। और खुद एक कमरे में सिमट गई। लिखने को तो बहुत है। बाकी फिर कभी🥰। बस एक निवेदन है बहुओं से एक दिन सासुओं का भी मना लिया करो dp में अपने संग सासुओं को भी लगा लिया करो। 🥰🙏
Saturday, 14 May 2022
Wednesday, 11 May 2022
Heart Touching Story,,,,,, :( Spare JUST 5 Valuable MinsJust READ TILL THE END )Ek 8 Saal Ke Bachhe Ki MaaMar Jati HaiN.Ek Din Uske Papa Ne PoochaKi Beta Tujhe Apni Nayi MaaAur Mari Hui Maa MeiN KyaFark Laga,,,,,,,,???ToH WoH Ladka Bola :"Meri Nayi Maa Sachhi HaiNAur Mari Hui Maa Jhooti Thi,,,,,,,!!!! "YeH Sunke Us Aadmi KoJhatka Sa Laga Aur Bola :" KyuN Beta……Aisa KyuN Lagta HaiN,,,,,,,,,???? Jisne Tujhe Janam Diya WoH Jhooti Aur KaL Aayi HuiMaa Sachhi Kyu Lagti HaiN,,,,,???? "Ladka Bola, :" Jab MaiN Masti Karta Tha,Tab Maa Kehti Thi : "Agar TuIsi Tarah Masti Karega ToH,Tujhe Khana NahiN Doongi "MaiN Fir Bhi Bahut Masti Karta Rehta Aur MujhePoore Gaon Se Dhund KarLaati. Apne Paas BethakarApne HaathoN Se, Khana Khilati Thi,,,,,,,,!!! "Aur Yeh Nayi Maa Kehti Hain Ki : "Agar Tu Isi TarahMasti Karega Toh, TujheKhana Nahin Doongi,,,,,,!!! "AURSACH Mein Usne Aaj MujheTeen Din Se Khana NahinDiya,,,,,,,!!!! "Must Share,,,,,,,MAA Tab Bhi Roti Thi, Jab Beta Pet MeiN LaatMaarta Tha,,,,,,.MAA Tab Bhi Roti Thi,Jab Beta Gir Jaata Tha..MAA Tab Bhi Roti Thi, Jab Beta Bukhaar YaSardi MeiN Tadapta Tha..MAA Tab Bhi Roti Thi, Jab Beta Khaana NahiNKhaata Tha,,,,,,.Aur,." MAA Aaj Bhi Roti HaiN, Jab Beta KHAANA NahiNDeta,,,,,,,!!! "DostoN,,,,, Isko Itna forward karo kikoi MAA kabhi bhuki Na Soye. Aur Uske Aankh SeEk QATRA Paani Na Aaye,,,,,If You Love Your Mom Then Forward This.I LOVE MY MOM.WoH bhi kya din the" MUMMY " Ki Godh Aur" PAPA " Ke Kandhe,,,,,,,,Na Paise Ki SochNa Life Ke Funde,,,,,,Na KaL Ki ChintaNa Future Ke Sapne,,,,,,Ab KaL Ki HaiN Fikar AurAdhure HaiN Sapne,,,,,, MudH Kar Dekha Toh BahutDoor HaiN Apne,,,,,,,Manzilo ko dhundte kahakho Gaye Hum,Aakhir, Itne bade kyun HoGaye Hum,,,,,,,,,!!Din Bhar Kaam Ke BaadPAPA Poochte HaiN Ki,,,,,,,,,,,,,,Kitna Kamaya,,,,???? Wife Poochegi,,,,,,,,,,,,,Kitna Bachaya,,,,,,????Beta Poochega,,,,,,,,,,,,,,Kya Laaya,,,,,,???? LekiNMaa Hi Poochegi :" Beta Kuch Khaya,,,,????? "Agar Aap Free HoToH Iss Msg ko ItnaFaeLao Jitna AapApni Maa Se Pyaar Karte Ho,,,,,,,,!! Ek Msg Maa Ke NaaM,,,,, : LOVE U MAA
दुखी रहने के दस कारण:-1. देरी से सोना, देरी से उठना।2. लेन-देन का हिसाब ना रखना।3. किसी के लिए कुछ ना करना।4. स्वयं की बात को ही सत्य बताना।5. किसी का विश्वास ना करना।6. बिना कारण झूठ बोलना।7. कोई भी काम समय पर ना करना।8. बिना माँगे सलाह देना।9. बीते हुए सुख को बार-बार याद करना।10. हमेशा अपने लिए सोचना।सुप्रभात। जय जिनेंद्र।सुखी रहने के उपाय:-अतीत की चिंता न करें…भविष्य पर विश्वास न करें…वर्तमान को व्यर्थ न जाने दें।सुप्रभात
प्रकृति का नियम है कि.... खाना जो हम खाते हैं, एकाध दिन के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे। पानी जो हम पीते हैं, दो-चार घण्टे के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे। हवा जो हम सांस लेते हैं, कुछ सेकण्ड में ही वापस बाहर निकल जानी चाहिए, वरना हम मर ही जायेंगे । लेकिन कुछ नकारात्मक बातें--- जैसे कि घृणा, गुस्सा, ईर्ष्या आदि।जिनको हम अपने अंदर दिनों, हफ्तो, महीने और सालों तक रखे रहते हैं । यदि इन नकारात्मक विचारों को समय-समय पर अपने अंदर से नहीं निकालेंगे तो एक दिन निश्चित ही हम मानसिक रोगी बन जायेंगे । निर्णय आपका क्योंकि... शरीर और मन है आपका शक्कर को चाहे अंधेरे में खाएं या उजाले में, मुँह मीठा ही होता है।उसी प्रकार अच्छे कर्मों को हम अनजाने में भी करें, तो भी उसका फल मीठा ही होगा ।
Tuesday, 10 May 2022
Monday, 9 May 2022
#वो_कैसी_औरतें_थीं...जो गीली लकड़ियों को फूंक कर चूल्हा जलाती थींजो सिल पर सुर्ख़ मिर्चें पीस कर सालन पकाती थींसुबह से शाम तक मसरूफ़, लेकिन मुस्कुराती थींभरी दोपहर में सर अपना ढक कर मिलने आती थींजो दरवाज़े पे रुक कर देर तक रस्में निभाती थींपलंगों पर नफ़ासत से दरी-चादर बिछाती थींबसद इसरार मेहमानों को सिरहाने बिठाती थीं अगर गर्मी ज़्यादा हो तो रुहआफ्ज़ा पिलाती थींजो अपनी बेटियों को स्वेटर बुनना सिखाती थीं जो "क़लमे" काढ़ कर लकड़ी के फ्रेमों में सजाती थींदुआएं फूंक कर बच्चों को बिस्तर पर सुलाती थींअपनी जा-नमाज़ें मोड़ कर तकिया लगाती थींकोई साईल जो दस्तक दे, उसे खाना खिलाती थींपड़ोसन मांग ले कुछ तो बा-ख़ुशी देती-दिलाती थींजो रिश्तों को बरतने के कई गुर सिखाती थींमुहल्ले में कोई मर जाए तो आँसू बहाती थींकोई बीमार पड़ जाए तो उसके पास जाती थीं कोई त्योहार पड़ जाए तो ख़ूब मिलजुल कर मनाती थींवह क्या दिन थे किसी भी दोस्त के हम घर जो जाते थेतो उसकी माँ उसे जो देतीं वह हमको खिलाती थींमुहल्ले में किसी के घर अगर शादी की महफ़िल होतो उसके घर के मेहमानों को अपने घर सुलाती थींमैं जब गांव अपने जाता हूँ तो फ़ुर्सत के ज़मानों में उन्हें ही ढूंढता फिरता हूं, गलियों और मकानों मेंमगर अपना ज़माना साथ लेकर खो गईं हैं वो किसी एक क़ब्र में सारी की सारी सो गईं हैं वो...।😔
Sunday, 8 May 2022
Saturday, 7 May 2022
Friday, 6 May 2022
#शादी #beti.0 लाख का दहेज़5 लाख का खानाघड़ी पहनायीअंगूठी पहनाईमंडे का खानाफिर सब सुसरालियो को कपड़े देना ।बारात को खिलाना फिर बारात को जाते हुए भी साथ में खाना भेजनाबेटी हो गई कोई सज़ा हो गई।और यह सब जब से शुरू होता है जबसे बातचीत यानी रिश्ता लगता हैफिर कभी नन्द आ रही है, जेठानी आ रही हैकभी चाची सास आ रही है मुमानी सास आ रही है टोलीया बनाबना के आते हैं और बेटी की मां चेहरे पे हलकी सी मुस्कराहट लिए सबको आला से आला खाना पेश करती है सबका अच्छी तरह से वेलकमकरती है फिर जाते टाइम सब लोगो को 500-500 रूपे भी दिए जातेहै फिर मंगनी हो रही है बियाह ठहर रहा है फिर बारात के आदमी तयहो रहे है 500 लाए या 800बाप का एक एक बाल कर्ज में डूब जाता है और बाप जब घर आता हैशाम को तो बेटी सर दबाने बैठ जाती है कि मेरे बाप का बाल बाल मेरीवजह से कर्ज में डूबा हैभगवान के वास्ते इन गंदे रस्म रिवाजों को खत्म कर दो ताकि हर बाप, कर्ज में डूबा ना हो वअपनी बेटी को इज़्ज़त से विदा कर सके।बदलाव एक कोशिश🙏🙏🙏
Thursday, 5 May 2022
Waheguruji. 🙏🌹🌹गुरु नानक देव जी के उपदेश (Guru Nanak Dev Ji Quotes)1. ईश्वर एक है।2. सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो।3. ईश्वर सब जगह और प्राणी मात्र में मौजूद है।4. ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता।5. ईमानदारी से और मेहनत कर के उदरपूर्ति करनी चाहिए।6. बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएं।7. सदैव प्रसन्न रहना चाहिए। ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा मांगनी चाहिए।8. मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से ज़रूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए।9. सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं।10. भोजन शरीर को जि़ंदा रखने के लिए ज़रूरी है पर लोभ-लालच व संग्रहवृत्ति बुरी है।
सफरयूँ ही कटता रहा जिन्दगी का सफर तंज और रंज के बीचदिन ढलता रहा और रात आती रहीये आने जाने और जाने आने के बीचजिन्दगी का सफर बदस्तूर मेरा जारी रहाहार कहाँ माननी थी मैने भी ... चलता रहा मैं वक्त की सीढ़ियों परमानकर सफर को अपना हमसफरपहुँचा जब शिखर परवहाँ अंधियारे को चीर मुस्कुरा रहा था सूरजबाहें पसारे आगोश में लेने को आतुर....
Wednesday, 4 May 2022
#कर्म एक मालन को रोज़ राजा की सेज को फूलों से सजाने का काम दिया गया था, वो अपने काम में बहुत निपुण थी, एक दिन सेज़ सजाने के बाद उसके मन में आया की वो रोज़ तो फूलों की सेज़ सजाती है, पर उसने कभी खुद फूलों के सेज़ पर सोकर नहीं देखा, कौतुहलबस वो दो घड़ी फूल सजे उस बिस्तर पर सो गयी, उसे दिव्य आनंद मिला, ना जाने कैसे उसे नींद आ गयी, कुछ घंटों बाद राजा अपने शयन कक्ष में आये . मालन को अपने बिस्तर पर सोता देखकर राजा बहुत गुस्सा हुआ, उसने मालन को पकड़कर १०० कोड़े लगाने की सजा दी, मालन बहुत रोई विनती की पर राजा ने एक ना सुनी, जब कोड़े लगाने लगे तो शुरू में मालन खूब चीखी चिल्लाई, पर बाद में जोर जोर से हंसने लगी. राजा न कोड़े रोकने का हुक्म दिया और पूछा - अरे तू पागल हो गयी हैं क्या..? हंस किस बात पर रही हैं तू...?मालन बोली-राजन, मैं इस आश्चर्य में हंस रही हूँ कि जब दो घड़ी फूलों की सेज़ पर सोने की सजा १०० कोड़े हैं, तो पुरे ज़िन्दगी हर रात ऐसे बिस्तर पर सोने की सजा क्या होगी...? राजा को मालन की बात समझ में आ गयी , वो अपनी कृत्य पर बेहद शर्मिंदा हुआ और जन कल्याण में अपने जीवन को लगा दिया. सीख - याद रखे जो कर्म हम इस लोक में करते हैं उससे परलोक में हमारी सज़ा या पुरस्कार तय होती हैं..... 🙏🙏🙏
Tuesday, 3 May 2022
ढाई की संख्या; (2.5)।ढाई अक्षर की सांस..और ढाई अक्षर के प्राण..ढाई अक्षर की मृत्यु .. ढाई अक्षर की अस्थि..और ढाई अक्षर की अर्थी..ढाई अक्षर का प्रेम.. और ढाई अक्षर की घृणा..ढाई अक्षर का जन्म.. ढाई अक्षर का प्यार ..और ढाई अक्षर का स्वार्थ । ढाई अक्षर का मित्र और ढाई अक्षर का शत्रु जन्म से लेकर मृत्यु तक हम बंधे हैं ढाई अक्षर में। हैं ढाई अक्षर ही वक़्त में, और ढाई अक्षर ही अंत में। समझ ना पाया कोई भी है रहस्य क्या ढाई अक्षर में।
Monday, 2 May 2022
समंदर सारे शराब होते तो सोचो कितना बवाल होता !हक़ीक़त सारे ख़्वाब होते तो सोचो कितना बवाल होता !किसी के दिल में क्या छुपा है ये बस ख़ुदा ही जानता है !दिल अगर बेनक़ाब होते तो सोचो कितना बवाल होता !थी ख़ामोशी हमारी फितरत में तभी तो बरसो निभ गयी लोगो से !अगर मुँह में हमारे जवाब होते तो सोचो कितना बवाल होता !हम तो अच्छे थे पर लोगो की नज़र में सदा बुरे ही रहे !कहीं हम सच में ख़राब होते तो सोचो कितना बवाल होता !!
सभी महिलाओं को समर्पित बहुत ही सुंदर लेख है स्त्रियों के लिए ।।रसायनशास्त्र से शायद ना पड़ा हो पालापर सारा रसोईघर प्रयोगशालादूध में साइटरीक एसिड डालकर पनीर बनाना या सोडियम बाई कार्बोनेट से केक फूलानाचम्मच से सोडियम क्लोराइड का सही अनुपात तोलती रोज कितने ही प्रयोग कर डालती हैंपर खुद को कोई वैज्ञानिक नही बस गृहिणी ही मानती हैंरसोई गैस की बढ़े कीमते या सब्जी के बढ़े भावपैट्रोल डीजल महँगा हो या तेल मे आए उछालघर के बिगड़े हुए बजट को झट से सम्हालती हैअर्थशास्त्री होकर भीखुद को बस गृहिणी ही मानती हैंमसालों के नाम पर भर रखाआयूर्वेद का खजानागमलो मे उगा रखे हैंतुलसी गिलोय करीपत्ताछोटी मोटी बीमारियों कोकाढ़े से भगाना जानती हैपर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।सुंदर रंगोली और मेहँदी में नजर आती इनकी चित्रकारीसुव्यवस्थित घर में झलकती हैइनकी कलाकारीढोलक की थाप पर गीत गाती नाचती हैकितनी ही कलाए जानती है पर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैंसमाजशास्त्र ना पढ़ा हो शायदपर इतना पता है किपरिवार समाज की इकाई हैपरिवार को उन्नत करसमाज की उन्नति मेंपूरा योगदान डालती हैपर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।मनो वैज्ञानिक भले ही ना होपर घर में सबका मन पढ लेती हैरिश्तों के उलझे धागों कोसुलझाना खूब जानती हैपर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं। योग ध्यान के लिए समय नहीं है ऐसा अक्सर कहती हैंऔर प्रार्थना मे ध्यान लगाकर घर की कुशलता मांगती है खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।ये गृहणियां सच में महान हैकितने गुणों की खान हैसर्वगुण सम्पन्न हो कर भीअहंकार नहीं पालती हैखुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।🙏🙏🙏
A poem from Gulzar for all of us... Life ko simple rakhiye! कुछ हँस के बोल दिया करो,कुछ हँस के टाल दिया करो,यूँ तो बहुत परेशानियां है तुमको भी मुझको भी,मगर कुछ फैंसले वक्त पे डाल दिया करो,न जाने कल कोई हंसाने वाला मिले न मिले..इसलिये आज ही हसरत निकाल लिया करो !! समझौता करना सीखिए..क्योंकि थोड़ा सा झुक जाना किसी रिश्ते को हमेशा के लिए तोड़ देने से बहुत बेहतर है ।।।किसी के साथ हँसते-हँसते उतने ही हक से रूठना भी आना चाहिए !अपनो की आँख का पानी धीरे से पोंछना आना चाहिए ! रिश्तेदारी और दोस्ती में कैसा मान अपमान ?बस अपनों के दिल मे रहना आना चाहिए...! 🌹🙏🏻🌹
Sunday, 1 May 2022
❤️ जीवन का सबसे बड़ा गूढ मंत्र ❤️.दो आदमी यात्रा पर निकले! दोनों की मुलाकात हुई, दोनों का गंतव्य एक था तो दोनों यात्रा में साथ हो चले।.सात दिन बाद दोनों के अलग होने का समय आया तो एक ने कहा: भाई साहब! एक सप्ताह तक हम दोनों साथ रहे क्या आपने मुझे पहचाना?.दूसरे ने कहा: नहीं, मैंने तो नहीं पहचाना।.पहला यात्री बोला: महोदय मैं एक नामी ठग हूँ परन्तु आप तो महाठग हैं। आप मेरे भी गुरू निकले।.दूसरे यात्री बोला: कैसे?.पहला यात्री: कुछ पाने की आशा में मैंने निरंतर सात दिन तक आपकी तलाशी ली, मुझे कुछ भी नहीं मिला। .इतने दिन साथ रहने के बाद मुझे यह पता है आप बहुत धनी व्यक्ति हैं और इतनी बड़ी यात्रा पर निकले हैं तो ऐसा कैसे हो सकता है कि आपके पास कुछ भी नहीं है? बिल्कुल खाली हाथ हैं!.दूसरा यात्री: मेरे पास एक बहुमूल्य हीरा है और थोड़ी-सी रजत मुद्राएं भी है।.पहला यात्री बोला: तो फिर इतने प्रयत्न के बावजूद वह मुझे मिले क्यों नहीं?.दूसरा यात्री: मैं जब भी बाहर जाता, वह हीरा और मुद्राएं तुम्हारी पोटली में रख देता था और तुम सात दिन तक मेरी झोली टटोलते रहे। .अपनी पोटली सँभालने की जरूरत ही नहीं समझी। तो फिर तुम्हें कुछ मिलता कहाँ से!.ईश्वर नित नई खुशियाँ हमारी झोल़ी मे डालते हैं परन्तु हमें अपनी गठरी पर निगाह डालने की फुर्सत ही नहीं है, यही सबकी मूलभूत समस्या है। .जिस दिन से इंसान दूसरे की ताकझाख बंद कर देगा उस क्षण सारी समस्या का समाधान हो जाऐगा।.अपनी गठरी टटोलें! जीवन में सबसे बड़ा गूढ मंत्र है स्वयं को टटोले और जीवन-पथ पर आगे बढ़े.. सफलताये आप की प्रतीक्षा में है। ❤️ जय जय श्री राधे ❤️
Subscribe to:
Posts (Atom)