Monday, 23 May 2022

मनुष्य की सम्पत्ति ना दौलत है, ना जायदाद है, उसकी सम्पत्ति तो उसका हँसता हुआ परिवार, अच्छा स्वास्थ्य, शुभचिंतक मित्र और स्वयं का संतुष्ट मन है।