सभी महिलाओं को समर्पित बहुत ही सुंदर लेख है स्त्रियों के लिए ।।रसायनशास्त्र से शायद ना पड़ा हो पालापर सारा रसोईघर प्रयोगशालादूध में साइटरीक एसिड डालकर पनीर बनाना या सोडियम बाई कार्बोनेट से केक फूलानाचम्मच से सोडियम क्लोराइड का सही अनुपात तोलती रोज कितने ही प्रयोग कर डालती हैंपर खुद को कोई वैज्ञानिक नही बस गृहिणी ही मानती हैंरसोई गैस की बढ़े कीमते या सब्जी के बढ़े भावपैट्रोल डीजल महँगा हो या तेल मे आए उछालघर के बिगड़े हुए बजट को झट से सम्हालती हैअर्थशास्त्री होकर भीखुद को बस गृहिणी ही मानती हैंमसालों के नाम पर भर रखाआयूर्वेद का खजानागमलो मे उगा रखे हैंतुलसी गिलोय करीपत्ताछोटी मोटी बीमारियों कोकाढ़े से भगाना जानती हैपर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।सुंदर रंगोली और मेहँदी में नजर आती इनकी चित्रकारीसुव्यवस्थित घर में झलकती हैइनकी कलाकारीढोलक की थाप पर गीत गाती नाचती हैकितनी ही कलाए जानती है पर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैंसमाजशास्त्र ना पढ़ा हो शायदपर इतना पता है किपरिवार समाज की इकाई हैपरिवार को उन्नत करसमाज की उन्नति मेंपूरा योगदान डालती हैपर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।मनो वैज्ञानिक भले ही ना होपर घर में सबका मन पढ लेती हैरिश्तों के उलझे धागों कोसुलझाना खूब जानती हैपर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं। योग ध्यान के लिए समय नहीं है ऐसा अक्सर कहती हैंऔर प्रार्थना मे ध्यान लगाकर घर की कुशलता मांगती है खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।ये गृहणियां सच में महान हैकितने गुणों की खान हैसर्वगुण सम्पन्न हो कर भीअहंकार नहीं पालती हैखुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।🙏🙏🙏