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Thursday, 26 May 2022
झुकता था..झुकता हूँ.. झुकता रहूँगा.. सिर्फ़ “रिश्तों” को संभालने के लिए..। नहीं तो मैं “लाचार” तब भी न था और आज भी नहीं हूँ..।
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