प्रकृति का नियम है कि.... खाना जो हम खाते हैं, एकाध दिन के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे। पानी जो हम पीते हैं, दो-चार घण्टे के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे। हवा जो हम सांस लेते हैं, कुछ सेकण्ड में ही वापस बाहर निकल जानी चाहिए, वरना हम मर ही जायेंगे । लेकिन कुछ नकारात्मक बातें--- जैसे कि घृणा, गुस्सा, ईर्ष्या आदि।जिनको हम अपने अंदर दिनों, हफ्तो, महीने और सालों तक रखे रहते हैं । यदि इन नकारात्मक विचारों को समय-समय पर अपने अंदर से नहीं निकालेंगे तो एक दिन निश्चित ही हम मानसिक रोगी बन जायेंगे । निर्णय आपका क्योंकि... शरीर और मन है आपका शक्कर को चाहे अंधेरे में खाएं या उजाले में, मुँह मीठा ही होता है।उसी प्रकार अच्छे कर्मों को हम अनजाने में भी करें, तो भी उसका फल मीठा ही होगा ।