तेरे आने से आँगन में चिड़ियों सी आवाज़ गूंजती है,जब जब तूं हंसती है बेटीतेरी मुस्कान गूंजती है,वातावरण होता है कुछ ऐसा कि मन नाचने लगता है,चंचल सी बेटी कहां गई घर में हर कोई ताकने लगता है,छुपकर पूरे घर में फिर तूं आँख मिचौली खेला करती है,शाम ढले फिर पापा की अपनेराह तूं देखा करती है,कहां रह गए पापा मेरेमम्मी से पूछा करती है,आहट सुनकर मेरे कदमों की तूं दौड़ी-दौड़ी आती है,पापा-पापा कहकर मुझमे सिमट जाती है,बस इसी पल का इंतज़ार मुझको हर पल रहता है,बहुत खुशकिस्मत हूँ मैं हर कोई यही कहता है !!