Friday, 30 December 2022
*जिन्दगी का एक और* *वर्ष कम हो चला**कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला**कुछ ख्वाइशें दिल में रह जाती है**कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं*..*कुछ छोड़ कर चले गये**कुछ नये जुड़ेंगे इस सफर में**कुछ मुझसे बहुत खफा हैं**कुछ मुझसे बहुत खुश हैं**कुछ मुझे मिल के भूल गये**कुछ मुझे आज भी याद करते हैं**कुछ शायद अनजान हैं**कुछ बहुत परेशान हैं**कुछ को मेरा इंतजार हैं**कुछ का मुझे इंतजार है**कुछ सही है**कुछ गलत भी है**कोई गलती तो माफ कीजिये और**कुछ अच्छा लगे तो याद कीजिये*💕💕
Thursday, 29 December 2022
*ताहि प्रकाश हमरा भयो*!!*पटना शहर बिखे भव लयो*!!*साहिब_ए_ कमाल**नूर_ए_इलाही**बादशाह दरवेश**सरबंसदानी**अमृत के दाते* *आनंदपुर वासी* *सचखंड वासी**दीन दुनिया के मालिक**साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी के प्रकाश पर्व की आप सभी को लख लख बधाइयां होवे**गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी की किरपा हमेशा बनी रहे*🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Wednesday, 28 December 2022
Dear people,I decided to make 2023 plan for you. Hope you like it.1. What should be your priority?- You, yourself & your growth.2. What should you save?- Save your time that you wasted due to overthinking. And, if you want to think about something too much or for too long. Then make a day in a month, but not every day.3. What should you add?- First is Discipline. Because Discipline is permanent & Motivation is temporary most of the times.Second is Mental Peace. Life is different nowadays so inner peace is important in a time of stress. You can achieve it with exercises, instrumental music, books, etc.4. What should you ignore?- First is Ignore what people are talking negative about you? Life is too short to worry about those who hate you, who are jealous of you, who consider you as opponent. You don't need their validations.Second is Ignore pleasing everyone because even God can't make everyone happy in this world. Do not hesitate to say 'No'. Infact, you should learn to say No.5. What should you stop?- Stop comparing yourself to others, it make you feel bad about yourself & it also affect your confidence level. Focus on your strengths & aim. You are great.6. What should you practice?- Gratitude.Thanks for reading.❤️🙏
Tuesday, 27 December 2022
Sunday, 25 December 2022
परमात्मा के हुक्म में कैसे रहा जाता है, इसकी सबसे अच्छी उदाहरण है माता गुजर कौर जी और छोटे साहिबज़ादे .... दादी माँ साहिबज़ादों को हर पल गुरबाणी याद कराती रही, और समझती रही कि वह जो करता है उसी को भला समझो, और साहिबज़ादों ने भी दादी माँ की शिक्षा को गाँठ बाँध लिया और जो हुआ उसे ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार कर लिया I आइए संगत जी हम भी गुरु साहिब के उपदेश को याद करें, जिसमें गुरु साहिब फरमाते हैं किGurbani In Gumukhi And Hindi - ਜੋ ਕਿਛੁ ਹੋਆ ਸੁ ਤੇਰਾ ਭਾਣਾ ॥ जो किछु होआ सु तेरा भाणा ॥ ਜੋ ਇਵ ਬੂਝੈ ਸੁ ਸਹਜਿ ਸਮਾਣਾ ॥੩॥ जो इव बूझै सु सहजि समाणा ॥३॥श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी फरमातें हैं कि जिस मनुष्य को यह समझ आ जाती है कि जो कुछ हो रहा है, वह प्रभू की रज़ा में हो रहा है, वह मनुष्य सदा अडोल अवस्था में टिका रहता है (उसे कभी कोई शंका व संशय नहीं रहता) वह प्रभू प्रमातमा मे लीन हो जाता है।3।धन धन श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी महाराज 1349
Saturday, 24 December 2022
"महत्वपूर्ण कडी.....बेटे बहु के कमरे से आ रही आवाजो से बुजुर्ग मां कि नींद खुल गई......बेटा कह रहा था उसे मुम्बई मे नौकरी मिल गई है मगर हम तीन (मे और तुम और मां ) वहाँ नहीं रह पायेंगे.. कयोकि कमरा छोटा है ओर दोनो जगह का किराया मे दे नही सकता तो कयो ना मां को वृद्ध आश्रम मे छोड़ दे... बुजुर्ग मां भीगी आँखें लिए सोचने लगी.... अभी साल भी नहीं हुआ बेटे कि शादी को ओर बहु ने उसपर अपना रंग चढा दिया.इस बात के जबाब मे बहु कया कहेगी....वो तो खुश ही होगी उसके मन की जो पूरी हो रही है. हे भगवान.....मगर पति की बात सुनकर पत्नी बोली नही मां ओर मैं यही रहेंगे मै पढी लिखी हूं बच्चो को टयुशन पढाकर इतना तो कम लूगी कि मेरा ओर मां का गुजारा हो जाऐ और आपने तो बताया था की मां ने आपको लोगों के घरों में काम करके पढाया था सोचो अगर मां भी आपको किसी अनाथ आश्रम मे छोड़ कर अपना जीवन शुरू करती तो आज आप कहा होते ... और फिर जब आप वहाँ सेटल होकर बडा कमरा ले ले तो हमें भी बुला लेना वैसे भी मां उस वृक्ष के समान होती हे जो सिर्फ छाया ही नही फल भी देता है मां कि आँखों मे आँसू थे उसे भी समझ आ रहा था कि उसे बहु मे एक बहुत अच्छी बेटी मिली है.दोस्तों कहानी का भाव यही है सास बहु का रिश्ता भी मां बेटी का रिश्ता है दोस्तों अगर दोनों तरफ से प्रेम और सम्मान देने की कोशिश हो तो सचमुच ये रिश्ता बेहद प्यारा है जो घरों को परिवार को जोड़ने में महत्वपूर्ण कडी है ..एक सुन्दर और प्ररेणादायक रचना...
ਦਸਮੇਸ਼ ਦੇ ਸੁੱਜਿਆਂ ਪੈਰਾਂ ਤੇ ਬਣ ਮਲ੍ਹਮ ਕੋਈ ਲੱਗ ਜਾਵਾਂ ਮੈਂ,ਕਰ ਬਾਲਣ ਇਹਨਾਂ ਹੱਡੀਆਂ ਦਾ ਠਰਿਆਂ ਨੂੰ ਨਿੱਘ ਪਹੁੰਚਾਵਾਂ ਮੈਂ,,,ਦਸਮੇਸ਼ ਦੇ ਸੁੱਜਿਆਂ ਪੈਰਾਂ ਤੇਬਣ ਮਲ੍ਹਮ ਕੋਈ ਲੱਗ ਜਾਵਾਂ ਮੈਂ…ਵੱਸ ਚੱਲਦਾ ਹੋਵੇ ਮੇਰਾ ਤਾਂਇਸ ਹੋਣੀਂ ਨੂੰ ਮੈਂ ਟਾਲ ਦਵਾਂ,ਰੌਣਕ ਜੋ ਸ਼ਹਿਰ ਅਨੰਦਪੁਰ ਦੀਅੱਡ ਹੋਣ ਨਾ ਚਾਰੇ ਲਾਲ ਦਵਾਂ,ਖੜ੍ਹ ਜਾਵਾਂ ਮੂਹਰੇ ਜਾਲਮ ਦੇਨਾ ਦੇਵਾਂ ਛੋਹਣ ਵੀ ਗਰਮ ਹਵਾਵਾਂ ਮੈਂ,,,ਦਸਮੇਸ਼ ਸੁੱਜਿਆਂ ਪੈਰਾਂ ਤੇਬਣ ਮਲ੍ਹਮ ਕੋਈ ਲੱਗ ਜਾਵਾਂ ਮੈਂ…ਜਿੱਥੋਂ ਲੰਘਣਾ ਮੇਰੇ ਪ੍ਰੀਤਮ ਨੇਰਾਹਵਾਂ ਦੀਆਂ ਸੂਲਾਂ ਹੂੰਝ ਦਿਆਂ,ਗਾਰੇ ਵਿੱਚ ਲਿੱਬੜੇ ਚਰਨਾਂ ਨੂੰਮੈਂ ਹੰਝੂਆਂ ਦੇ ਨਾਲ ਪੂੰਝ ਦਿਆਂ,ਦੋ ਘੜੀਆਂ ਉਹਦੇ ਸੌਣ ਲਈਤਨ ਆਪਣਾ ਦੀ ਦਰੀ ਬਣਾਵਾਂ ਮੈਂ,,,ਦਸਮੇਸ਼ ਦੇ ਸੁੱਜਿਆਂ ਪੈਰਾਂ ਤੇਬਣ ਮਲ੍ਹਮ ਕੋਈ ਲੱਗ ਜਾਵਾਂ ਮੈਂ…ਹਰ ਜੁਲਮ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਲਮ ਨੇਮੁੱਖ ਦੀ ਮੁਸਕਾਨ ਨਹੀਂ ਖੋਹ ਸਕਿਆ,ਹਰ ਹੀਲਾ ਵੈਰੀ ਕਰ ਹਟਿਐਦਸਮੇਸ਼ ਦੁਖੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਿਆ,ਉਹਦੇ ਸਿਰ ਦੀ ਸੋਹਣੀ ਕਲਗੀ ਨੂੰ“ਨਿਰਵੈਰ” ਵੇ ਕਿਵੇਂ ਸਲਾਹਵਾਂ ਮੈਂ,,,ਦਸਮੇਸ਼ ਦੇ ਸੁੱਜਿਆਂ ਪੈਰਾਂ ਤੇਬਣ ਮਲ੍ਹਮ ਕੋਈ ਲੱਗ ਜਾਵਾਂ ਮੈਂ…#gurugobindsingji
Friday, 23 December 2022
बाप बेटी का रिश्ता...🥀❤️🥀*जब तक पिता जिंदा रहता है, बेटी मायके में हक़ से आती है और जिद कर लेती है कोई कुछ कहे तो डट के बोल देती है कि मेरे पिता का घर है। पर जैसे ही पिता इस संसार को छोड़ कर चला जाता है और फिर बेटी आती है तो वो इतनी चीत्कार करके रोती है की सभी आस-पड़ोस और रिश्तेदार समझ जाते है कि बेटी आ गई है!**बेटी उस दिन अपनी हिम्मत हार जाती है,क्योंकि उस दिन उसका पिता ही नहीं उसकी वो हिम्मत भी मर जाती है,जो उसे अपने मायके में आकर मिलती थी!**आपने भी महसूस किया होगा कि पिता की मौत के बाद बेटी कभी अपने भाई-भाभी के घर वो जिद नहीं करती है, जैसा अपने पिता के वक्त करती थी,ऐसा नहीं है कि भाई भाभी उसकी इच्छा का मान नहीं रखेंगे बल्कि इसलिए कि अब उसको मन में एक सकुच सी रहती है।इसलिए जो मिला खा लिया, जो दिया पहन लिया,जब तक पिता था तब तक सब कुछ उसका था और ये बात वो अच्छी तरह से जानती है!* आगे लिखने की हिम्मत नहीं है, बस इतना ही कहना चाहती हूं कि पिता के लिए बेटी उसकी जिंदगी होती है, पर वो कभी बोलता नहीं, और बेटी के लिए उसका पिता दुनिया की सबसे बड़ी हिम्मत और गरूर होता है, पर बेटी भी यह बात कभी किसी को बोलती नहीं है!इसलिए ही कहा जाता है कि ----"बाप बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है" 🌹 ❤️"Love_you_dady" ❤️🌹आप जहां भी रहो सदा खुश रहो..🙏😢
Thursday, 22 December 2022
न्यायालय में एक मुकद्दमा आया ,जिसने सभी को झकझोर दिया |अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं| मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|एक 70 साल के बूढ़े व्यक्ति ने ,अपने 80 साल के बूढ़े भाई पर मुकद्दमा किया था|मुकद्दमे का कुछ यूं था कि "मेरा 80 साल का बड़ा भाई ,अब बूढ़ा हो चला है ,इसलिए वह खुद अपना ख्याल भी ठीक से नहीं रख सकता |मगर मेरे मना करने पर भी वह हमारी 110 साल की मां की देखभाल कर रहा है |मैं अभी ठीक हूं, इसलिए अब मुझे मां की सेवा करने का मौका दिया जाय और मां को मुझे सौंप दिया जाय"।न्यायाधीश महोदय का दिमाग घूम गया और मुक़दमा भी चर्चा में आ गया| न्यायाधीश महोदय ने दोनों भाइयों को समझाने की कोशिश की कि आप लोग 15-15 दिन रख लो|मगर कोई टस से मस नहीं हुआ,बड़े भाई का कहना था कि मैं अपने स्वर्ग को खुद से दूर क्यों होने दूँ |अगर मां कह दे कि उसको मेरे पास कोई परेशानी है या मैं उसकी देखभाल ठीक से नहीं करता, तो अवश्य छोटे भाई को दे दो।छोटा भाई कहता कि पिछले 40 साल से अकेले ये सेवा किये जा रहा है, आखिर मैं अपना कर्तव्य कब पूरा करूँगा।परेशान न्यायाधीश महोदय ने सभी प्रयास कर लिये ,मगर कोई हल नहीं निकला|आखिर उन्होंने मां की राय जानने के लिए उसको बुलवाया और पूंछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है|मां कुल 30 किलो की बेहद कमजोर सी औरत थी और बड़ी मुश्किल से व्हील चेयर पर आई थी|उसने दुखी दिल से कहा कि मेरे लिए दोनों संतान बराबर हैं| मैं किसी एक के पक्ष में फैसला सुनाकर ,दूसरे का दिल नहीं दुखा सकती|आप न्यायाधीश हैं , निर्णय करना आपका काम है |जो आपका निर्णय होगा मैं उसको ही मान लूंगी।आखिर न्यायाधीश महोदय ने भारी मन से निर्णय दिया कि न्यायालय छोटे भाई की भावनाओं से सहमत है कि बड़ा भाई वाकई बूढ़ा और कमजोर है| ऐसे में मां की सेवा की जिम्मेदारी छोटे भाई को दी जाती है।फैसला सुनकर बड़ा भाई जोर जोर से रोने लगा कि इस बुढापे ने मेरे स्वर्ग को मुझसे छीन लिया |अदालत में मौजूद न्यायाधीश समेत सभी रोने लगे।कहने का तात्पर्य यह है कि अगर भाई बहनों में वाद विवाद हो ,तो इस स्तर का हो|ये क्या बात है कि 'माँ तेरी है' की लड़ाई हो,और पता चले कि माता पिता ओल्ड एज होम में रह रहे हैं |यह पाप है।हमें इस मुकदमे से ये सबक लेना ही चाहिए कि माता -पिता का दिल दुखाना नही चाहिए।
Wednesday, 21 December 2022
पत्नी क्या होती है।मुझसे अच्छा कोई नही जान पाएगाएक बार जरूर पड़े।"मै डरता नही उसकी कद्र करता हूँ उसका सम्मान करता हूँ।-" कोई फरक नही पडता कि वो कैसी है पर मुझे सबसे प्यारा रिश्ता उसी का लगता है।"माँ बाप रिश्तेदार नही होते।वो भगवान होते हैं।उनसे रिश्ता नही निभाते उनकी पूजा करते हैं।भाई बहन के रिश्ते जन्मजात होते हैं , दोस्ती का रिश्ता भी मतलब का ही होता है।आपका मेरा रिश्ता भी जरूरत और पैसे का है पर,पत्नी बिना किसी करीबी रिश्ते के होते हुए भी हमेशा के लिये हमारी हो जाती है अपने सारे रिश्ते को पीछे छोडकर।और हमारे हर सुख दुख की सहभागी बन जाती है आखिरी साँसो तक।" पत्नी अकेला रिश्ता नही है, बल्कि वो पूरा रिश्तों की भण्डार है।जब वो हमारी सेवा करती है हमारी देख भाल करती है ,हमसे दुलार करती है तो एक माँ जैसी होती है।जब वो हमे जमाने के उतार चढाव से आगाह करती है,और मैं अपनी सारी कमाई उसके हाथ पर रख देता हूँ क्योकि जानता हूँ वह हर हाल मे मेरे घर का भला करेगी तब पिता जैसी होती है।जब हमारा ख्याल रखती है हमसे लाड़ करती है, हमारी गलती पर डाँटती है, हमारे लिये खरीदारी करती है तब बहन जैसी होती है।जब हमसे नयी नयी फरमाईश करती है, नखरे करती है, रूठती है , अपनी बात मनवाने की जिद करती है तब बेटी जैसी होती है।जब हमसे सलाह करती है मशवरा देती है ,परिवार चलाने के लिये नसीहतें देती है, झगड़े करती है तब एक दोस्त जैसी होती है। जब वह सारे घर का लेन देन , खरीददारी , घर चलाने की जिम्मेदारी उठाती है तो एक मालकिन जैसी होती है।और जब वही सारी दुनिया को यहाँ तक कि अपने बच्चों को भी छोडकर हमारे बाहों मे आती है तब वह पत्नी, प्रेमिका, अर्धांगिनी , हमारी प्राण और आत्मा होती है जो अपना सब कुछ सिर्फ हमपर न्योछावर करती है।"मैं उसकी इज्जत करता हूँ तो क्या गलत करता हूँ!
Tuesday, 20 December 2022
Monday, 19 December 2022
Saturday, 17 December 2022
Friday, 16 December 2022
*कृपया बिना रोए पढ़ें। यह मेसेज मेरे दिल को छू गया है* #patipatni #story 💐जीवन संगिनी - धर्म पत्नी की विदाई! अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है। राजा की तरह जीने और आज दुनिया में अपना सिर ऊंचा रखने के लिए अपनी पत्नी का शुक्रिया कीजिए। आपकी सुविधा - असुविधा, आपके बिना कारण के क्रोध को संभालती है। तुम्हारे सुख से सुखी है और तुम्हारे दुःख से दुःखी है। आप रविवार को देर से बिस्तर पर रहते हैं लेकिन इसका कोई रविवार या त्योहार नहीं होता है। चाय लाओ, पानी लाओ, खाना लाओ। ये ऐसा है और वो ऐसा है। कब अक्कल आएगी तुम्हे? ऐसे ताने मारते हैं। उसके पास बुद्धि है और केवल उसी के कारण तो आप जीवित है। वरना दुनिया में आपको कोई भी नहीं पूछेगा। अब जरा इस स्थिति की सिर्फ कल्पना करें:एक दिन *पत्नी* अचानक रात को गुजर जाती है !घर में रोने की आवाज आ रही है। पत्नी का *अंतिम दर्शन* चल रहा था।उस वक्त पत्नी की आत्मा जाते जाते जो कह रही है उसका वर्णन:में अभी जा रही हूँ अब फिर कभी नहीं मिलेंगे।तो मैं जा रही हूँ।जिस दिन शादी के फेरे लिए थे उस वक्त साथ साथ जीयेंगे ऐसा वचन दिया था पर अचानक अकेले जाना पड़ेगा ये मुझको पता नहीं था।मुझे जाने दो।अपने आंगन में अपना शरीर छोड़ कर जा रही हूँ। बहुत दर्द हो रहा है मुझे।लेकिन मैं मजबूर हूँ अब मैं जा रही हूँ। मेरा मन नही मान रहा पर अब मैं कुछ नहीं कर सकती।मुझे जाने दोबेटा और बहू रो रहे हैं देखो। मैं ऐसा नहीं देख सकती और उनको दिलासा भी नही दे सकती हूँ। पोता बा बा बा कर रहा है उसे शांत करो, बिल्कुल ध्यान नही दे रहे है। हाँ और आप भी मन मजबूत रखना और बिल्कुल ढीले न हों।मुझे जाने दोअभी बेटी ससुराल से आएगी और मेरा मृत शरीर देखकर बहुत रोएगी तब उसे संभालना और शांत करना। और आपभी बिल्कुल नही रोना।मुझे जाने दोजिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है। जो भी इस दुनिया में आया है वो यहाँ से ऊपर गया है। धीरे धीरे मुझे भूल जाना, मुझे बहुत याद नही करना। और इस जीवन में फिर से काम में डूब जाना। अब मेरे बिना जीवन जीने की आदत जल्दी से डाल लेना।मुझे जाने दोआपने इस जीवन में मेरा कहा कभी नही माना है। अब जिद्द छोड़कर व्यवहार में विनम्र रहना। आपको अकेला छोड़ कर जाते मुझे बहुत चिंता हो रही है। लेकिन मैं मजबूर हूं।मुझे जाने दोआपको BP और डायबिटीज है। गलती से भी मीठा नहीं खाना अन्यथा परेशानी होगी। सुबह उठते ही दवा लेना न भूलना। चाय अगर आपको देर से मिलती है तो बहू पर गुस्सा न करना। अब मैं नहीं हूं यह समझ कर जीना सीख लेना।मुझे जाने दोबेटा और बहू कुछ बोले तोचुपचाप सब सुन लेना। कभी गुस्सा नही करना। हमेशा मुस्कुराते रहना कभी उदास नहीं होना। मुझे जाने दोअपने बेटे के बेटे के साथ खेलना। अपने दोस्तों के साथ समय बिताना। अब थोड़ा धार्मिक जीवन जिएं ताकि जीवन को संयमित किया जा सके। अगर मेरी याद आये तो चुपचाप रो लेना लेकिन कभी कमजोर नही होना।मुझे जाने दोमेरा रूमाल कहां है, मेरी चाबी कहां है अब ऐसे चिल्लाना नहीं। सब कुछ ध्यान से रखने और याद रखने की आदत डालना। सुबह और शाम नियमित रूप से दवा ले लेना। अगर बहू भूल जाये तो सामने से याद कर लेना। जो भी खाने को मिले प्यार से खा लेना और गुस्सा नही करना।मेरी अनुपस्थिति खलेगी पर कमजोर नहीं होना।मुझे जाने दोबुढ़ापे की छड़ी भूलना नही और धीरे धीरे से चलना।यदि बीमार हो गए और बिस्तर में लेट गए तो किसी को भी सेवा करना पसंद नहीं आएगा।मुझे जाने दोशाम को बिस्तर पर जाने से पहले एक लोटा पानी माँग लेना। प्यास लगे तभी पानी पी लेना।अगर आपको रात को उठना पड़े तो अंधेरे में कुछ लगे नहीं उसका ध्यान रखना।मुझे जाने दोशादी के बाद हम बहुत प्यार से साथ रहे। परिवार में फूल जैसे बच्चे दिए। अब उस फूलों की सुगंध मुझे नहीं मिलेगी।मुझे जाने दोउठो सुबह हो गई अब ऐसा कोई नहीं कहेगा। अब अपने आप उठने की आदत डाल देना किसी की प्रतीक्षा नही करना।मुझे जाने दोऔर हाँ .... एक बात तुमसे छिपाई है मुझे माफ कर देना।आपको बिना बताए बाजू की पोस्ट ऑफिस में बचत खाता खुलवाकर 14 लाख रुपये जमा किये हैं। मेरी दादी ने सिखाया था। एक - एक रुपया जमा करके कोने में रख दिया। इसमें से पाँच - पाँच लाख बहू और बेटी को देना और अपने खाते में चार लाख रखना अपने लिए।मुझे जाने दोभगवान की भक्ति और पूजा करना भूलना नही। अब फिर कभी नहीं मिलेंगे !!मुझसे कोईभी गलती हुई हो तो मुझे माफ कर देना। *मुझे जाने दो* *मुझे जाने दो*🙏🙏❣❣
Wednesday, 14 December 2022
बाबा बुडढा जीश्री गुरू नानक देव जी तलवण्डी ग्राम से भाई मरदाना जी को साथ लेकर अपने परिवार को मिलने पक्खो के रँधवे के लिए चल पड़े। रास्ते में एक पड़ाव के समय जब आप कत्थू नँगल ग्राम मे एक वृक्ष के नीचे कीर्तन में व्यस्त थे, तो एक किशोर अवस्था का बालक आपकी मधुर बाणी के आकर्षण से चला आया और काफी समय कीर्तन श्रवण करता रहा,फिर जल्दी से घर लौट गया। घर से कुछ खाद्य पदार्थ तथा दूध लाकर गुरुदेव को भेंट करते हुए कहा, आप, कृपया इनका सेवन करें।उस किशोर की सेवा-भक्ति देखकर गुरुदेव अति प्रसन्न हुए और आशीष देते हुए कहा,चिरँजीव रहो !तथा पूछा– बेटा तुम क्या चाहते हो ?किशोर ने उत्तर दिया– हे गुरुदेव जी ! मुझे मृत्यु से बहुत भय लगता है, मैं इस भय से मुक्त होना चाहता हूँ।इस पर गुरुदेव ने कहा– बेटा तेरी आयु तो खेलने-कूदने की है तुझे यह गम्भीर बातें कहाँ से सूझी हैं ? यह मृत्यु का भय इत्यादि तो बुढ़ापे की कल्पना होती है। वैसे मृत्यु ने आना तो एक न एक दिन अवश्य ही है।यह उत्तर सुनकर किशोर ने फिर कहा– यही तो मैं कह रहा हूँ, मृत्यु का क्या भरोसा न जाने कब आ जाए। इसलिए मैं उससे भयभीत रहता हूँ।उसकी यह बात सुनकर गुरुदेव कहने लगे– बेटा तुमने तो बहुत तीक्ष्ण बुद्धि पाई है। उन सूक्ष्म बातों पर बड़े-बड़े लोग भी अपना ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाते, यदि मृत्यु का भय ही प्रत्येक व्यक्ति अपने सामने रखे तो यह अपराध ही क्यों हो ? खैर,तुम्हारा नाम क्या है ?किशोर ने उत्तर में बताया– उसका नाम बूढ़ा है तथा उसका घर इसी गाँव में है।गुरुदेव ने तब कहा– तेरे माता पिता ने तेरा नाम उचित ही रखा है क्योंकि तू तो अल्प आयु में ही बहुत सूझ-बूझ की बूढ़ों जैसी बातें करता है, वैसे यह मृत्यु का भय तुम्हें कब से सताने लगा है ?किशोर, बुढ़ा जी ने कहा– कि एक दिन मेरी माता ने मुझे आग जलाने के लिए कहा मैंने बहुत प्रयत्न किया परन्तु आग नहीं जली। इस पर माता जी ने मुझे बताया कि आग जलाने के लिए पहले छोटी लकड़ियाँ तथा तिनके घास इत्यादि जलाए जाते हैं। तब कहीं बड़ी लकड़ियाँ जलती हैं। बस मैं उसी दिन से इस विचार में हूँ कि जिस प्रकार आग पहले छोटी लकड़ियों को जलाती है ठीक इस प्रकार यदि मृत्यु भी पहले छोटे बच्चों या किशोरों को ले जाए तो क्या होगा ?गुरुदेव ने कहा– बेटा ! तुम भाग्यवान हो जो तुम्हें मृत्यु निकट दिखाई देती है। इसी पैनी दृष्टि के कारण एक दिन तुम बहुत महान बनोगे। यदि तुम चाहो तो हमारे आश्रम में आकर रहो।यह सुनकर बूढ़ा ने प्रसन्न होकर पूछा– हे गुरुदेव जी ! आपका आश्रम कहाँ है ?गुरुदेव ने उसे बताया– उनका आश्रम वहाँ से लगभग 30 कोस की दूरी पर रावी नदी के तट पर निमार्णाधीन है। उन्होंने उसका नाम करतारपुर रखने का निश्चय किया है। अब वे लौटकर उसमें स्थायी रूप से रहने लगेगें तथा वहीं से गुरुमत का प्रचार करेंगे।इस सब जानकारी को प्राप्त करके किशोर, बूढ़ा जी कहने लगा– गुरुदेव ! मैं अपने माता-पिता से आज्ञा लेकर कुछ दिन बाद आपकी सेवा में उपस्थित हो जाऊँगा।गुरुदेव ने तब किशोर से कहा– यदि हमारे पास आना हो तो पहले उसके लिए दृढ़ निश्चय तथा आत्मसमर्पण की भावना पक्की कर लेना और उसके लिए स्वयँ को तैयार करो–जउ तउ प्रेम खेलन का चाउ ।। सिरु धर तली गली मेरी आउ ।।इतु मारगि पैरु धरीजै ।। सिरु दीजै काणि न कीजै ।।
Tuesday, 13 December 2022
Sunday, 11 December 2022
🙏शांति🙏🌹एक समय कि बात है,भगवान विष्णु सभी जीवों को कुछ न कुछ चीजें भेट कर रहे थे।सभी जीव भेट स्वीकार करते और खुशी खुशी अपने निवास स्थान के लिए प्रस्थान करते।जब सब चले गए तो उनकी चरण सेविका श्री लक्ष्मी जी ने भगवान से कहा, "हे नाथ मैंने देखा कि आपने सभी को कुछ न कुछ दिया,अपने पास कुछ नहीं रखा लेकिन एक चीज़ आपने अपने पैरों के नीचे छिपा लिया है।वो चीज़ क्या है?"🌹श्री हरि मंद मंद मुस्कुराते रहे,उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।🌹लक्ष्मी जी ने फिर कहा,"प्रभु हमसे न छुपाएं, मैंने स्वयं अपनी आंखों से देखा है आपने कोई एक चीज़ अपने पैरों के नीचे छिपा रखा है,निवेदन है कृपया इस रहस्य से पर्दा उठाइए।"🌹श्री हरि बोले, "देवी मेरे पैरों के नीचे "शांति" है।शांति मैंने किसी को नहीं दिया,सुख सुविधा तो सभी के पास हो सकता हैं मगर शांति तो किसी दुर्लभ मनुष्य के पास ही होगा।ये मैं सब को नहीं दे सकता।जो मेरी प्राप्ति के लिए तत्पर्य होगा,जिसकी सारी चेष्टाएं मुझ तक पहुंचने कि होगी, उसी को ये मिलेगा"🌹श्री हरि से आज्ञा लेकर शांति कहने लगी," हे जगत माता,श्री हरि ने मुझे अपने पैरों के नीचे नहीं छिपाया बल्कि मैं स्वयं उनके पैरों के नीचे छिप गई।शांति तो सिर्फ़ हरि चरणों के नीचे ही जीव को मिलेगा,अन्यथा कहीं नहीं।"🌹कथा कहती है कि उसी दिन से श्री लक्ष्मी जी ने श्री हरि के चरणों कि सेवा शुरू कर दिया, क्योंकि व्यक्ति सारी सुख सम्पत्ति से सुसज्जित हो मगर उसके पास शांति ही न हो तो उसकी सारी सुख सम्पत्ति व्यर्थ हो जाता है।इसलिए स्वयं सुख समृद्धि कि जननी माता लक्ष्मी भी शांति प्राप्ति हेतु और श्री हरि सेवा के लिए उनके चरणों कि सेवा हमेशा करती रहती है।🌹हम लोग भी बहुत बड़ी गलती करते हैं।हम सुख संपत्ति,धन को ही लक्ष्मी जी की कृपा समझ लेते है।कहते भी है प्रायः संसारी लोग कि फलाने के ऊपर तो लक्ष्मी जी कि बड़ी कृपा है।उसके पास धन है, वैभव है, सम्पत्ति है परंतु वास्तविकता में लक्ष्मी जी कि कृपा उसी पर है जो अपने धन,संपत्ति,वैभव को श्री हरि चरणों कि सेवा में लगाता है ।लक्ष्मी जी कृपा उसी व्यक्ति पर है जो अपने संपत्ति को श्री विष्णु की सेवा में लगाएं वर्ना उसके पास तो ये सब उसके पूर्व जन्मों के अच्छे कर्मों की वजह से मिला है,जैसे ही पुण्य क्षीण वैसे ही संपत्ति का अभाव।🌹🌹जीवन में सबसे ज्यादा जरूरी है मन कि शांति।लाख सुविधाएं हो, जो प्रायः आधुनिक युग में देखा जा रहा, लोगों के पास धन है,सुविधा है,सब भोग है भोगने के लिए लेकिन शांति नहीं है,जिसकी वजह से मनुष्य हमेशा अशांति का अनुभव करता है।तनाव में रहता है,दुखी रहता है।अगर धन संपत्ति ही सुख देता तो कभी कोई व्यक्ति शांति कि अभिलाषा नहीं करता।🌹*🌹इसलिए भगवान की चरण सेवा करे,अपनी संपत्ति का सदुपयोग करे। निस्वार्थ सबका भला करें और परमपिता परमेश्वर के अलावा किसी से कोई उम्मीद ना रखें..!!*🌹 Jai shree Vishnu Dev 🙏जय श्री राम
Saturday, 10 December 2022
भजन सिमरन के फायदे 1 अपने गुरु के लाडले बन जाते हो। 2 जनम मरण से छुटकारा मिल जाता है। 3 किसी को देख कर आप पहचान सकते हो कि वो दोस्त है या दुश्मन। 4 अपनी मौत आने से पहले उसका पता चल जाएगा। 5 आप को देख कर लोग पूछेंगे कि आप का गुरू कौन है?6 आप के साथ आप का परिवार भी तर जायेगा। 7 आप सचखंड के अधिकारी बन जाते हो
Friday, 9 December 2022
Thursday, 8 December 2022
Wednesday, 7 December 2022
आहिस्ता चल जिंदगी,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है रफ़्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए कुछ छूट गए रूठों को मनाना बाकी है रोतों को हँसाना बाकी है कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए उन टूटे -छूटे रिश्तों के जख्मों को मिटाना बाकी है कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं कुछ काम भी और जरूरी हैं जीवन की उलझ पहेली को पूरा सुलझाना बाकी है जब साँसों को थम जाना है फिर क्या खोना ,क्या पाना है पर मन के जिद्दी बच्चे को यह बात बताना बाकी है आहिस्ता चल जिंदगी ,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है
Tuesday, 6 December 2022
आहिस्ता चल जिंदगी,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है रफ़्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए कुछ छूट गए रूठों को मनाना बाकी है रोतों को हँसाना बाकी है कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए उन टूटे -छूटे रिश्तों के जख्मों को मिटाना बाकी है कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं कुछ काम भी और जरूरी हैं जीवन की उलझ पहेली को पूरा सुलझाना बाकी है जब साँसों को थम जाना है फिर क्या खोना ,क्या पाना है पर मन के जिद्दी बच्चे को यह बात बताना बाकी है आहिस्ता चल जिंदगी ,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है
Monday, 5 December 2022
Sunday, 4 December 2022
Friday, 2 December 2022
अमृत वेले की तैयारी (रात्रि का रूटीन)अमृत वेले में उठने के लिए रात्रि सोने का रूटीन भी ठीक करने की जरुरत है.“गुरुमुखों के लिए 4 घंटे की नींद काफी होती है, 6 घंटे वो सोये जो भारी भरकम काम करता हो.”, इन वचनों के हिसाब से 6 घंटे आखिरी सीमा है. बाकी अपने शरीर, परिश्रम और उम्र के हिसाब से हम अपने लिए ठीक समय निर्धारित कर सकते हैं. औसतन, 5 घंटे की नींद पर्याप्त होती है, इससे ज्यादा सोना समय की बर्बादी है. पर अपना नींद का समय धीरे-धीरे अडजस्ट करें.· 5 घंटे के हिसाब से रात्रि 11 बजे सोकर भी 4 बजे उठा जा सकता है, रात्रि सोने से पहले श्री चरणों में प्रार्थना करके सोयें कि “हे कृपानिधान सतगुरु ! हमें अमृत वेले की दात बख्शना”, ये प्रार्थना और 10-15 मिनट का सिमरन करके सोयें. नींद आने तक स्वांसों में नाम चलता रहे. इससे एक बहुत बड़ा फायदा ये होता है कि सारी रात सिमरन चलता ही रहता है. नींद में करवट लेने पर पर भी सिमरन का पता चलता है. यह अपने आप में एक महान उपलब्धि है. क्योंकि नींद मौत की तरह होती है. अगर नींद में सिमरन चल सकता है, तो इस बात की अच्छी सम्भावना है कि आखिरी नींद अर्थात मौत के समय भी सिमरन चलता रहेगा. ये सब धन धन गुरु नानक साहिब महाराज जी कि अनंत कृपा और दया से ही संभव होता है.· नींद आने तक ध्यान भ्रूमध्य (दोनों eyebrows के बीच में) में लगा कर लेटे लेटे सिमरन करते रहें, इससे सिमरन हमारे अवचेतन में उतर जाता है. रात सोने से पहले 15-20 मिनट सिमरन का रूटीन अवश्य बनायें. #gurunanak #waheguruji
Thursday, 1 December 2022
एक ठंडी रात में, एक अरबपति बाहर एक बूढ़े गरीब आदमी से मिला। उसने उससे पूछा, "क्या तुम्हें बाहर ठंड महसूस नहीं हो रही है, और तुमने कोई कोट भी नहीं पहना है?"बूढ़े ने जवाब दिया, "मेरे पास कोट नहीं है लेकिन मुझे इसकी आदत है।" अरबपति ने जवाब दिया, "मेरे लिए रुको। मैं अभी अपने घर जाता हूँ और तुम्हारे लिए एक कोट ले लाऊंगा।"वह बेचारा बहुत खुश हुआ और कहा कि वह उसका इंतजार करेगा। अरबपति अपने घर में घुस गया और वहां व्यस्त हो गया और गरीब आदमी को भूल गया।सुबह उसे उस गरीब बूढ़े व्यक्ति की याद आई और वह उसे खोजने निकला लेकिन ठंड के कारण उसे मृत पाया, लेकिन उसने एक चिट्ठी छोड़ी थी, जिसमे लिखा था कि, "जब मेरे पास कोई गर्म कपड़े नहीं थे, तो मेरे पास ठंड से लड़ने की मानसिक शक्ति थी।लेकिन जब आपने मुझे मेरी मदद करने का वादा किया, तो मैं आपके वादे से जुड़ गया और इसने मेरी मानसिक शक्ति को खत्म कर दिया। "संदेश - अगर आप अपना वादा नहीं निभा सकते तो कुछ भी वादा न करें। यह आप के लिये जरूरी नहीं भी हो सकता है, लेकिन यह किसी और के लिए सब कुछ हो सकता है।#story
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