Wednesday, 7 December 2022

किस्मत दोस्त नहीं फिर भी रूठ जाता है, बुद्धि लोहा नहीं फिर भी जंग लग जाती है, आत्मसम्मान शरीर नहीं फिर भी घायल हो जाता है और इंसान मौसम नहीं फिर भी बदल जाता है।