बाप बेटी का रिश्ता...🥀❤️🥀*जब तक पिता जिंदा रहता है, बेटी मायके में हक़ से आती है और जिद कर लेती है कोई कुछ कहे तो डट के बोल देती है कि मेरे पिता का घर है। पर जैसे ही पिता इस संसार को छोड़ कर चला जाता है और फिर बेटी आती है तो वो इतनी चीत्कार करके रोती है की सभी आस-पड़ोस और रिश्तेदार समझ जाते है कि बेटी आ गई है!**बेटी उस दिन अपनी हिम्मत हार जाती है,क्योंकि उस दिन उसका पिता ही नहीं उसकी वो हिम्मत भी मर जाती है,जो उसे अपने मायके में आकर मिलती थी!**आपने भी महसूस किया होगा कि पिता की मौत के बाद बेटी कभी अपने भाई-भाभी के घर वो जिद नहीं करती है, जैसा अपने पिता के वक्त करती थी,ऐसा नहीं है कि भाई भाभी उसकी इच्छा का मान नहीं रखेंगे बल्कि इसलिए कि अब उसको मन में एक सकुच सी रहती है।इसलिए जो मिला खा लिया, जो दिया पहन लिया,जब तक पिता था तब तक सब कुछ उसका था और ये बात वो अच्छी तरह से जानती है!* आगे लिखने की हिम्मत नहीं है, बस इतना ही कहना चाहती हूं कि पिता के लिए बेटी उसकी जिंदगी होती है, पर वो कभी बोलता नहीं, और बेटी के लिए उसका पिता दुनिया की सबसे बड़ी हिम्मत और गरूर होता है, पर बेटी भी यह बात कभी किसी को बोलती नहीं है!इसलिए ही कहा जाता है कि ----"बाप बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है" 🌹 ❤️"Love_you_dady" ❤️🌹आप जहां भी रहो सदा खुश रहो..🙏😢