Thursday 16 March 2023

एक कहानी दृष्टिहीनों कीपुरातन समय की बात है एक बस्ती में एक अजीब बीमारी फैलने लगी लोगो की नजर कमजोर होने लगी , कई लोग अंधे हो गए इसका कारण समझ नहीं आ रहा था ।हर घर में यह बीमारी फैल रही थी।उस बस्ती के गणमान्य व्यक्ति इक्ठे हुए और उन्होंने कुछ फैसले लिए ।लोगो की सुरक्षा अहम मुद्दा था ।किसी को भी पता नहीं था कब वो बस्ती सिर्फ अंधे लोगो की बस्ती बन जाए इस लिए फैसला लिया गया की बस्ती के चारो और दीवार बना दी जाए ताकि कोई बस्ती में रहने वाले को नुकसान न पहुंचा सके ,कोई भी बस्ती में रहने वाला भटक कर दूर न चला जाए की वापसी न हो पाएं ।धीरे धीरे सब बस्ती के लोग अंधे हो गए ।समय बदलता गया नए जन्म हुए वंशावली बदल गई उनकी आंखों पर एक झिल्ली आ गई नजर बिल्कुल खत्म हो गई,अगर गलती से भी लोग आपस में टकरा जाते तो लड़ाई हो जाती अब लोगो ने गुट बना लिए यह सोचकर की हम दूसरों से सुरक्षा रहेंगे जबकि दूसरा कोई था ही नहीं सब उसी बस्ती के लोग ही थे और सब दृष्टिविहीन थे।अब उन लोगो का भाग्य कहे या दुर्भाग्य एक डॉक्टर वहां पहुंच गया वो उस बीमारी से ग्रसित नहीं था और देख सकता था गणमान्य नागरिकों को पता चला कोई बाहर से उनकी बस्ती में आया है तो वो उस चिकिसक का स्वागत करने आए । Us डॉक्टर को बोलने का समय दिया गया ।इस डॉक्टर ने आंखों का ज़िक्र किया ,रोशनी का ,सूर्य का सूर्य के प्रकाश का , पेडों का , घास का जिसे सुनकर वो सारे लोग आपस मे विरोधी बातें करने लगे ,उन्हे डर लगने लगा की यह डॉक्टर उन्हे मिटाने आया है वो डॉक्टर को झूठा कहने लगे,आंख जैसी कोई चीज नहीं होती।अब डॉक्टर भी अड़ गया और उसने कुछ लोगो को अपने प्रभाव में लिया और कुछ लोगो की चिकित्सा कर डाली ।वो लोग भी डॉक्टर की बातों के समर्थक बन गए । शहर के विद्वानों को लगा की यह हमे खतम करे की तैयारी है ,हमारी सभ्यता नष्ट हो जाएगी वो भी प्रचार करने लगे यह डाक्टर झूठ बोल रहा है ,इसे यहां से निकालो यह हमारे शहर को खतम कर देगा। जबकि डॉक्टर तो उन्हे आंखें दे रहा था ,उन्हे जीवन की खूबसूरती दिखाना चाहता था।उनका जीवन भयमुक्त करना चाहता था ।लोगों ने डॉक्टर पर भी हमले किए और उसे वहां से जाने को मजबूर कर दिया ।जरा सोचिए वो डॉक्टर उन्हे अंधेरे से निकालना चाहता था उसे कोई स्वार्थ नहीं था पर उसे जाने को मजबूर कर दिया गया ।ऐसे ही जब अज्ञानता का अंधकार छा जाता है और हमारी देखने और सोचने की शक्ति का विनाश हो जाता है,तब दुनिया में इंसानों को इस अज्ञानता की बीमारी से बचाने ईश्वर सतगुरु बनकर आ जाता है पर हम सुनने को तैयार नहीं ,हमे अंधेरा पसंद हो गया,हम सतगुरु (ईश्वर)का विरोध करते हैं ,हम इस गफलत की नींद से जागना नहीं चाहते ।हमारी धारणाओं हमारी रुढ़ियों ने हमे इस कदर पकड़ रखा है की हम कुछ सुनना नहीं चाहते ,कुछ देखना नहीं चाहते ,मौका नहीं देना चाहते की वो हमे हमारी असली दुनिया दिखा सके । पूछिए अपने आप से कहीं आप भी उन दृष्टिहीन व्यक्तियों में शामिल तो नहीं । जागिए अभी वक्त है ,कहीं ऐसा न हो वक्त हाथों से निकल जाए और बाद में हमारे पास सिर्फ पश्चताप के अलावा कुछ हाथ न आए ।कृपा मेरा प्रेम पूर्ण अभिवादन स्वीकार करे और मुझे कृतार्थ करें । धन्यवाद #story #kahani