जरा ध्यान से पढ़ें जीवन की यही सच्चाई है 🙏🙏🙏*मत परेशान हो, क्योंकि आमतौर पर...* *1. चालीस साल की अवस्था में* "उच्च शिक्षित" और "अल्प शिक्षित" एक जैसे ही होते हैं। (क्योंकि अब कहीं इंटरव्यू नहीं देना, डिग्री नहीं दिखानी).*2. पचास साल की अवस्था में* "रूप" और "कुरूप" एक जैसे ही होते हैं। (आप कितने ही सुन्दर क्यों न हों झुर्रियां, आँखों के नीचे के डार्क सर्कल छुपाये नहीं छुपते).*3. साठ साल की अवस्था में* "उच्च पद" और "निम्न पद" एक जैसे ही होते हैं। (चपरासी भी अधिकारी के सेवा निवृत्त होने के बाद उनकी तरफ़ देखने से कतराता है).*4. सत्तर साल की अवस्था में* "बड़ा घर" और "छोटा घर" एक जैसे ही होते हैं। (बीमारियाँ और खालीपन आपको एक जगह बैठे रहने पर मजबूर कर देता है, और आप छोटी जगह में भी गुज़ारा कर सकते हैं).*5. अस्सी साल की अवस्था में* आपके पास धन का "कम होना" या "ज्यादा होना" एक जैसे ही होते हैं। (अगर आप खर्च करना भी चाहें, तो आपको नहीं पता कि कहाँ खर्च करना है).*6. नब्बे साल की अवस्था में* "सोना" और "जागना" एक जैसे ही होते हैं। (जागने के बावजूद भी आपको नहीं पता कि क्या करना है).जीवन को सामान्य रुप में ही लें क्योंकि जीवन में रहस्य नहीं हैं जिन्हें आप सुलझाते फिरें.*आगे चल कर एक दिन सब की यही स्थिति होनी है, यही जीवन की सच्चाई है...*चैन से जीने के लिए चार रोटी और दो कपड़े काफ़ी हैं... पर ,बेचैनी से जीने के लिए चार गाड़ी, दो बंगले और तीन प्लॉट भी कम हैं !!*जीवन की सच्चाई!*🙏🙏🙏🙏🙏🙏#zindagi #jeevankisachai #beautifullife