Thursday, 9 April 2020

जो खुश हुए वो अपने नहीं थे ...जो अपने थे वो कभी खुश नहीं हुए...कितना भी समेट लो..हाथों से फिसलता ज़रूर है..ये वक्त है मेरे दोस्त.बदलता ज़रूर है..।