Tuesday, 14 April 2020

ये दबदबा, ये हुकूमत, ये नशा, ये दौलत.... सब किरायेदार हैं, घर बदलते रहते हैं..!मुस्कुराहट, अपनापन, स्वभाव ये सब अपने हैं जनाब ...... इनसे ही हम सब फलते फूलते हैं..!