Lekin Kuch log kabhi nahi badlte ...कुछ लोग कभी बदलते नहींबदल जाये चाहे जमाना साराटूट जाते हैं रिश्ते, टूट जायेपर वोनिकलते ही नहींअपने झूठे दंभ के मोह पाश सेया चाहते ही नहीं हैं निकलनाअड़े रहते हैंकुत्ते के उस पूँछ की तरहजिसे सालों नली में रखने के बाद भीसीधा नहीं किया जा सकताऔर फिर ,बन जाते हैं एक दिननालियों में पड़े उस कचरे की तरहजो पानी को भी बहने से रोक देता हैबजबजा देता है नालियों कोइसकी सड़न की गंध में घुट करमर जाते हैं बे-मौत ही कुछ रिश्तेये कुछ लोग जो कभी बदलते नहींइन्हें निकाल कर फेंक देना चाहिएनालियों के कचरे की तरह ताकिपानी का ठीक से बहाव हो सके!!