Saturday, 18 April 2020

Gd morning everyone...सत्संग......एक भिखारी था । उसने सम्राट होने के लिए कमर कसी । चौराहे पर अपनी फटी-पुरानी चादर बिछा दी, अपनी हाँडी रख दी और सुबह-दोपहर-शाम भीख माँगना शुरू कर दिया क्योंकि उसे सम्राट होना था । भीख माँगकर भी भला कोई सम्राट हो सकता है ? किंतु उसे इस बात का पता नहीं था ।भीख माँगते-माँगते वह बूढ़ा हो गया और मौत ने दस्तक दी । मौत तो किसी को नहीं छोड़ती । वह बूढ़ा भी मर गया । लोगों ने उसकी हाँडी फेंक दी, सड़े-गले बिस्तर नदी में बहा दिये, जमीन गंदी हो गयी थी तो सफाई करने के लिए थोड़ी खुदाई की । खुदाई करने पर लोगों को वहाँ बहुत बड़ा खजाना गड़ा हुआ मिला ।तब लोगों ने कहा : 'कितना अभागा था ! जीवनभर भीख माँगता रहा । जहाँ बैठा था अगर वहीं जरा-सी खुदाई करता तो सम्राट हो जाता !'ऐसे ही हम जीवनभर बाहर की चीजों की भीख माँगते रहते हैं किन्तु जरा-सा भीतर गोता मारें , ईश्वर को पाने के लिए ध्यान का जरा-सा अभ्यास करें तो *उस आत्म खजाने को भी पा सकते हैं , जो हमारे अंदर ही छुपा हुआ है....❤️🌹❤️