Friday, 1 January 2021

हवाएँ हो गई है सर्द..आओ धूप में कुछ पलबिता लेंकहें कुछ अपने मन कीरिश्तों पर जमी बर्फपिघला लें ।।चटक से तोड़ें मूंगफलीफैलायें छिलके छत परकुछ दाने खा लें ।।अवसाद भरेजीवन की दौड़ धूप मेंथक से गये होकुछ देर सुस्ता लें।।बातों के तिल काताड़ नहीतिल में थोड़ा गुड़ मिला लेंखाएं गजकवाणी में थोड़ीमिठास बना लें ।।व्यवहार की चादर मेंअहम की सीलन हैदबी रजाई मेंईर्ष्या की दुर्गन्ध हैइन्हें खोलें..ज़राधूप लगा लें ।।... हवाएँ हो गई है सर्दआओ धूप में कुछ पलबिता लें।