जो माँ है वही तो सास है फिर माँ क्यूँ अच्छी, बहू क्यूँ बुरी है? बेटी का दुःख ही क्यूँ सीने को चीरता है? बहू से नजरें क्यूँ नफरत भरी हैं?सांस क्यूँ बुरी? जो बेटी है वही तो बहू है फिर बेटी क्यूँ लाडली,लोगों ने बेशक बहू पर तेल डाला, जब भी जली है बेटी ही जली है!!