"बेटी"कहने को वरदान है बेटी.. अनचाही संतान है बेटी.. कपड़ा,पैसा ,दान समझ कर कर दी जाती दान है बेटी.. खूब ठहाके लाता बेटा , बुझती- सी मुस्कान है बेटी.. लेना-देना दो बापों का , हो जाती कुर्बान है बेटी.. पूछ नहीं है घर में लेकिन घर की इज़्ज़त-मान है बेटी.. सास कहे है गैर की जाई माँ के घर मेहमान है बेटी..।