Saturday, 27 February 2021

कड़वा सचहम उन्हे ही रुलाते हैं, जो हमारी परवाह करते हैं..(माता/ पिता/ पत्नी)हम उनके लिए रोते है, जो हमारी परवाह नहीं करते..(औलाद)और हम उनकी परवाह करते हैं, जो हमारे लिए कभी भी नहीं रोयेगें...!(समाज)