Tuesday, 2 March 2021

खुशी जल्दी में थी रुकी नहीं गम फुर्सत में थे ठहर गए लोगों की नजरों में अब भी फर्क नहीं है पहले मुड़कर देखते थे अब देख कर मुड़ जाते हैं। आज परछाई से मैंने पूछ ही लिया क्यों चलती हो मेरे साथ उसने भी हंसकर कहा दूसरा कोई है भी तो नहीं तेरे साथ