Wednesday, 5 May 2021

धरती पर रहता इन्सानदौलत गिनता है,कल कितनी थी आज कितनी बढ गयी।ऊपर बैठा ईश्वर हंसता है,और इन्सान की सांसें गिनता है,कल कितनी थी आज कितनी कम हो गयी।